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वाराणसी से 300 छात्र काशी तमिल संगमम् के तहत तमिलनाडु के लिए रवाना

वाराणसी से 300 छात्र काशी तमिल संगमम् के तहत तमिलनाडु के लिए रवाना

काशी तमिल संगमम् के द्वितीय चरण में वाराणसी से 300 छात्र तमिलनाडु सांस्कृतिक यात्रा पर भेजे गए।

काशी और तमिलनाडु के बीच सांस्कृतिक भाषायी और शैक्षणिक संबंधों को और अधिक सुदृढ़ करने की दिशा में काशी तमिल संगमम् के द्वितीय चरण की औपचारिक शुरुआत हो गई है। इसी क्रम में वाराणसी से 300 छात्रों का एक विशेष दल तमिलनाडु के लिए रवाना हुआ। इस पहल को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रोफेसर अजित कुमार चतुर्वेदी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि यह यात्रा केवल शैक्षणिक भ्रमण नहीं है बल्कि भारत की एकता विविधता और सांस्कृतिक निरंतरता को समझने का प्रत्यक्ष अवसर है। उन्होंने छात्रों से कहा कि वे पूरे उत्साह अनुशासन और जिज्ञासा के साथ इस यात्रा का अनुभव करें और विभिन्न परंपराओं को खुले मन से समझें।

कार्यक्रम के दौरान काशी तमिल संगमम् के नोडल ऑफिसर प्रोफेसर अंचल श्रीवास्तव ने सभी छात्रों को संबोधित करते हुए इस पहल की परिकल्पना उद्देश्य और महत्व पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि काशी तमिल संगमम् उत्तर और दक्षिण भारत के बीच सांस्कृतिक और बौद्धिक संवाद को मजबूत करने का माध्यम है। इस दौरान छात्रों और शिक्षकों का आपसी परिचय भी कराया गया ताकि यात्रा के दौरान बेहतर संवाद और सहभागिता सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से अनुशासन सांस्कृतिक संवेदनशीलता और सीखने की भावना के साथ इस अवसर का अधिकतम लाभ उठाने का आह्वान किया। उनके अनुसार यह यात्रा केवल भ्रमण नहीं बल्कि भारत की साझा विरासत को नजदीक से अनुभव करने का अवसर है।

इस वर्ष काशी तमिल संगमम् की थीम काशी करकलाम तमिल सीखें रखी गई है। इसके अंतर्गत छात्रों को तमिल भाषा साहित्य संस्कृति और शैक्षणिक परंपराओं से प्रत्यक्ष रूप से परिचित कराया जाएगा। इस दल में शामिल छात्र वाराणसी के विभिन्न विश्वविद्यालयों से हैं जो तमिलनाडु के अनेक विश्वविद्यालयों का भ्रमण करेंगे। वहां वे अकादमिक गतिविधियों सांस्कृतिक परंपराओं और सामाजिक जीवन को करीब से समझेंगे। कुलपति प्रोफेसर अजित कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि काशी तमिल संगमम् के इतिहास में यह एक विशेष अवसर है क्योंकि पहली बार काशी से छात्रों का संगठित समूह तमिलनाडु की यात्रा पर जा रहा है। यह पहल युवा पीढ़ी के माध्यम से उत्तर और दक्षिण भारत के बीच सांस्कृतिक संवाद को नई दिशा देगी। काशी तमिल संगमम् का समापन रामेश्वरम् में प्रस्तावित है जिसमें प्रधानमंत्री की सहभागिता भी निर्धारित की गई है।

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