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वाराणसी: रामनगर-मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि पर दी गई श्रद्धांजलि, धरती पुत्र को किया गया नमन

वाराणसी: रामनगर-मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि पर दी गई श्रद्धांजलि, धरती पुत्र को किया गया नमन

वाराणसी में नेताजी मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित हुई, जिसमें समाज के हर वर्ग के लोगों ने उनके आदर्शों को याद किया।

वाराणसी: रामनगर/समाजवादी विचारधारा के प्रतीक, किसानों के सच्चे हमदर्द और देश के राजनीतिक इतिहास में “धरती पुत्र” के नाम से अमिट पहचान बना चुके श्रद्धेय नेताजी मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि पर शुक्रवार को वाराणसी के रामनगर अखाड़े पर भावभीनी श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। समाज के हर वर्ग से जुड़े लोगों ने नेताजी के तैलचित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया और उनके आदर्शों को जीवन में उतारने का संकल्प लिया।

कार्यक्रम का आयोजन बाबा साहब अंबेडकर वाहिनी की ओर से किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में कार्यकर्ता, समाजसेवी, जनप्रतिनिधि और युवाओं ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष जितेंद्र यादव मलिक ने नेताजी की जीवंत छवि को याद करते हुए कहा, “नेताजी सिर्फ एक राजनेता नहीं थे, बल्कि वो करोड़ों गरीबों, किसानों, मजदूरों और वंचितों के लिए उम्मीद की किरण थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन सामाजिक न्याय और समानता की लड़ाई को समर्पित कर दिया। जब-जब किसी गरीब की थाली में रोटी आई, किसी किसान का खेत बचा, किसी मजदूर को हक मिला, वहां कहीं न कहीं नेताजी की विचारधारा की झलक दिखी।”

भावुक होते हुए जितेंद्र यादव मलिक ने कहा, “आज नेताजी हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका विचार, उनका संघर्ष और उनका ओजस्वी व्यक्तित्व आज भी जिंदा है। जब वे बोलते थे तो शब्द नहीं, संवेदनाएं बहती थीं। उन्होंने राजनीति को जनता की सेवा का माध्यम बनाया। नेताजी कहते थे, ‘रोटी सस्ती हो, कपड़ा सस्ता हो, दवा और पढ़ाई मुफ्त हो।’ यह केवल नारा नहीं, बल्कि गरीब की सांसों की आवाज थी। ऐसे नेता का जाना हम सबके लिए अपूरणीय क्षति है।” मलिक के ओजस्वी संबोधन के दौरान सभा में मौजूद कई लोगों की आंखें नम हो उठीं और कुछ क्षणों के लिए वातावरण पूरी तरह मौन हो गया।

पूर्व सभासद श्यामलाल यादव ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “नेताजी का ही योगदान है कि आज गांव-गांव में दलित, पिछड़े और महिलाएं नेतृत्व की भूमिका में हैं। उन्होंने सत्ता को जनता तक पहुंचाया, पंचायतों और स्थानीय निकायों में पिछड़े वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित की। उनका सपना था कि समाज का कोई भी वर्ग अपने हक और सम्मान से वंचित न रहे।”

श्रद्धांजलि सभा के दौरान नेताजी के योगदान पर विस्तृत चर्चा की गई। वक्ताओं ने कहा कि उन्होंने किसानों के हक की आवाज उठाते हुए हमेशा संघर्ष किया, चाहे वह मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू कराने की बात हो या शहीदों के पार्थिव शरीर को उनके गांव तक पहुंचाने की व्यवस्था। हर कदम पर नेताजी ने मानवीयता को प्राथमिकता दी। यही कारण है कि उन्हें आज भी जनता के दिलों में “धरती पुत्र” के रूप में याद किया जाता है।

कार्यक्रम के अंत में सभी ने दो मिनट का मौन रखकर नेताजी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। सभा स्थल पर जय समाजवाद और नेताजी अमर रहें के नारों से गगन गूंज उठा।

इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में प्रमुख रूप से जितेंद्र यादव मलिक (जिलाध्यक्ष, बाबा साहब अंबेडकर वाहिनी), पूर्व सभासद श्यामलाल यादव, संजय यादव, राजू सोनकर, कमलेश यादव (वरिष्ठ नेता), अमन यादव, राधेश्याम यादव गप्पू, कमल जायसवाल, नरेश यादव, मान सिंह चौहान, इंजमामुल खान, मोनू कन्नौजिया, आकाश सिंह, अंशराज चौहान, सतीश बागी, जुनैद खान, सौरभ यादव, राहुल शर्मा, राहुल सोनकर, मृत्युंजय मौर्य, राजा बाबू, विकास विराज, लवकुश साहनी सहित बड़ी संख्या में समाजवादी कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि, "नेता जी अमर रहें, धरती पुत्र अमर रहें!"

पूरे आयोजन के दौरान वातावरण समाजवादी एकता, मानवता और न्याय की भावना से सराबोर रहा, मानो नेताजी की आत्मा स्वयं उपस्थित होकर अपने कार्यकर्ताओं को आशीर्वाद दे रही हो।

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