नई दिल्ली।
राष्ट्रपति भवन और जम्मू कश्मीर के बाद अब राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों और पार्कों में भी ट्यूलिप के रंग नजर आएंगे। नई दिल्ली नगर परिषद इस बार ट्यूलिप को केवल सजावटी फूल के रूप में नहीं बल्कि खास संदेशों और डिजाइनों के माध्यम से प्रस्तुत करने की तैयारी में है। पहली बार बगीचों और प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर ट्यूलिप से विशेष आकृतियां और थीम आधारित डिजाइन बनाए जाएंगे, जिन्हें आम लोग नजदीक से देख सकेंगे। इस पहल का उद्देश्य राजधानी की सुंदरता बढ़ाने के साथ पर्यावरण और राष्ट्रीय अभियानों के प्रति जागरूकता पैदा करना है।
नई दिल्ली : नगर परिषद के अनुसार इस वर्ष ट्यूलिप रोपण में एक राष्ट्र एक चुनाव मां के नाम पर एक पेड़ और विकसित भारत जैसी थीम को शामिल किया जाएगा। हर साल की तरह इस बार भी नीदरलैंड से ट्यूलिप के बल्ब मंगवाए जा रहे हैं। उम्मीद है कि ये बल्ब अगले सप्ताह तक भारत पहुंच जाएंगे और उनकी जांच के बाद सत्ताइस दिसंबर से रोपण का काम शुरू कर दिया जाएगा। परिषद का कहना है कि यह पूरा कार्य तय समयसीमा के भीतर पूरा किया जाएगा ताकि वसंत ऋतु में राजधानी ट्यूलिप के रंगों से खिल उठे।
नई दिल्ली नगर परिषद के वाइस चेयरमैन कुलजीत चहल ने बताया कि ट्यूलिप लगाने का मकसद केवल सौंदर्यीकरण नहीं बल्कि प्रदूषण नियंत्रण और हरित आवरण को बढ़ावा देना भी है। उन्होंने बताया कि नीदरलैंड से आने वाले बल्बों के अलावा पालमपुर स्थित सीएसआईआर रिसर्च सेंटर में रखे गए बीस हजार सात सौ ट्यूलिप बल्ब पहले ही प्राप्त हो चुके हैं, जिन्हें पुराना किला रोड स्थित नर्सरी में सुरक्षित रखा गया है। इन बल्बों का उपयोग भी विभिन्न स्थलों पर किया जाएगा।
इस वर्ष राजधानी के प्रमुख धार्मिक स्थलों को भी विशेष रूप से ट्यूलिप से सजाया जाएगा। इसमें बिरला मंदिर हनुमान मंदिर और बंगला साहिब गुरुद्वारा शामिल हैं। जहां जमीन में सीधे रोपण संभव होगा वहां बल्ब लगाए जाएंगे, जबकि जिन स्थानों पर यह संभव नहीं होगा वहां गमलों में लगे ट्यूलिप पौधों से सजावट की जाएगी। इससे सभी धार्मिक स्थलों पर समान रूप से आकर्षक और रंगीन फूलों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
परिषद के अनुसार इस साल कुल पांच लाख सत्रह हजार पांच सौ ट्यूलिप बल्ब खरीदे गए हैं। इनमें से तीन लाख पच्चीस हजार बल्ब नई दिल्ली नगर परिषद के लिए और एक लाख बानवे हजार पांच सौ बल्ब दिल्ली विकास प्राधिकरण के लिए रखे गए हैं। शांति पथ कनॉट प्लेस का सेंट्रल पार्क कन्वेंशन सेंटर लोधी गार्डन तालकटोरा गार्डन सरदार पटेल मार्ग मंडी हाउस विंडसर प्लेस शेर शाह सूरी मार्ग और उपराष्ट्रपति आवास के पास के गोल चक्करों पर बड़ी संख्या में ट्यूलिप लगाए जाएंगे। इसके अलावा लगभग एक लाख ट्यूलिप बल्ब गमलों में लगाए जाएंगे जिन्हें आम लोग खरीद भी सकेंगे।
विशेषज्ञों के अनुसार ट्यूलिप के बल्बों को अंकुरित होने के लिए करीब दो महीने तक कम तापमान की आवश्यकता होती है। भारतीय मौसम को ध्यान में रखते हुए इस बार पहले से उपचारित और प्रोग्राम किए गए बल्ब चुने गए हैं, ताकि तापमान में उतार चढ़ाव के बावजूद फूलों की बेहतर वृद्धि हो सके। नई दिल्ली नगर परिषद का मानना है कि इस पहल से राजधानी की पहचान एक हरित और आकर्षक शहर के रूप में और मजबूत होगी।
दिल्ली में दिखेंगे ट्यूलिप के रंग, खास संदेशों संग सजेंगे सड़कें और पार्क

नई दिल्ली नगर परिषद इस बार ट्यूलिप को खास संदेशों और थीम आधारित डिजाइनों के माध्यम से प्रस्तुत कर रही है।
Category: delhi ndmc environment
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