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नोएडा: बायोडायवर्सिटी पार्क में तैयार होगा डियर पार्क, 40 करोड़ से बनेगा मिनी जू

नोएडा: बायोडायवर्सिटी पार्क में तैयार होगा डियर पार्क, 40 करोड़ से बनेगा मिनी जू

नोएडा प्राधिकरण ने बायोडायवर्सिटी पार्क में 40 करोड़ की लागत से 30 एकड़ में डियर पार्क बनाने को अंतिम मंजूरी दे दी है, जो पर्यटन और जैव विविधता को बढ़ावा देगा।

नोएडा : पर्यटन और जैव विविधता को बढ़ावा देने की दिशा में एक और बड़ी पहल की तैयारी पूरी हो गई है। जंगल ट्रेल के सफल उद्घाटन के बाद अब बायोडायवर्सिटी पार्क में डियर पार्क के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। नोएडा प्राधिकरण ने इस परियोजना को अंतिम मंजूरी दे दी है और अगले 15 दिनों के भीतर पहले चरण के लिए टेंडर जारी किए जाएंगे। पहले चरण में हिरणों के लिए विशेष बाड़े के निर्माण का काम शुरू होगा, जिसके बाद उद्यान विकास से जुड़े अन्य कार्य किए जाएंगे।

नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी डा लोकेश एम ने इस परियोजना को हरी झंडी दी है। अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी वंदना त्रिपाठी ने बताया कि टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से कम लागत वाली कंपनी का चयन किया जाएगा ताकि तय समय और बजट में परियोजना को पूरा किया जा सके। डियर पार्क का डिजाइन पहले से तैयार है, जिसमें हिरणों के लिए सुरक्षित बाड़े, वाटर बॉडी, मजबूत फेंसिंग, आकर्षक लाइटिंग और हरित क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। टेंडर आवंटित होने के बाद एक वर्ष के भीतर पार्क का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

यह डियर पार्क नोएडा के बायोडायवर्सिटी पार्क में लगभग 30 एकड़ क्षेत्र में विकसित किया जाएगा और इसे मिनी जू की तर्ज पर तैयार किया जाएगा। इस परियोजना पर करीब 40 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। खास बात यह है कि यह जिले की पहली सनसेट सफारी होगी, जहां लोग रात करीब 10 बजे तक स्पेक्ट्रम लाइट की रोशनी में हिरणों और जलीय पक्षियों को देख सकेंगे। अधिकारियों का कहना है कि यह व्यवस्था वन्यजीवों के लिए सुरक्षित होगी और पर्यटकों को भी एक अलग अनुभव देगी।

डियर पार्क में कुल 10 प्रजातियों के 132 हिरण लाए जाने की योजना है। इनमें से तीन प्रजातियां अफ्रीका से आयात की जाएंगी, जबकि अन्य हिरण कानपुर, हैदराबाद और लखनऊ के चिड़ियाघरों से लाए जाएंगे। इसके साथ ही एयरपोर्ट से रेस्क्यू किए गए हिरणों को भी यहां रखा जाएगा। धनौरी वेटलैंड के पास एक अलग रेस्क्यू सेंटर बनाने की भी योजना है, जिससे घायल या संकट में आए वन्यजीवों को सुरक्षित रखा जा सके।

नोएडा प्राधिकरण का कहना है कि नोएडा, गाजियाबाद और आसपास के क्षेत्रों में इस तरह का कोई डियर पार्क मौजूद नहीं है। इसी को देखते हुए यह परियोजना शुरू की जा रही है ताकि पर्यावरण संरक्षण के साथ साथ पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सके। विदेशी प्रजातियों के हिरणों के लिए यहां का वातावरण अनुकूल बनाने को लेकर विशेषज्ञ सलाहकारों से लगातार चर्चा की जा रही है। प्राधिकरण का मानना है कि डियर पार्क के शुरू होने से नोएडा को एक नई पहचान मिलेगी और यह शहर के प्रमुख आकर्षणों में शामिल होगा।

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