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बेंगलुरु: प्रज्वल रेवन्ना को दुष्कर्म मामले में उम्रकैद, परप्पना अग्रहारा जेल में हुए बंद

बेंगलुरु: प्रज्वल रेवन्ना को दुष्कर्म मामले में उम्रकैद, परप्पना अग्रहारा जेल में हुए बंद

यौन शोषण मामले में पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें बेंगलुरु की परप्पना अग्रहारा जेल में बंद किया गया है।

बेंगलुरु: जनता दल (सेक्युलर) के नेता और पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना, जो पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के पोते हैं, को यौन शोषण और दुष्कर्म के एक गंभीर मामले में उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के एक दिन बाद शनिवार रात बेंगलुरु के परप्पना अग्रहारा केंद्रीय कारागार में बंद कर दिया गया। जेल प्रशासन ने रविवार सुबह उन्हें आधिकारिक तौर पर कैदी संख्या 15528 के रूप में दर्ज किया। इस दौरान वह मानसिक रूप से बेहद टूटे हुए नजर आए और जेल की पहली रात उन्होंने बेचैनी और तनाव में बिताई।

सूत्रों के मुताबिक, रेवन्ना रातभर सो नहीं पाए और जेल में काफी देर तक रोते रहे। जेल के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि उनकी भावनात्मक स्थिति को देखते हुए शनिवार देर रात चिकित्सकीय जांच कराई गई। डॉक्टरों ने उनकी हालत को स्थिर पाया, लेकिन उन्होंने कहा कि मानसिक स्थिति पूरी तरह से सामान्य नहीं है। इस बीच, रेवन्ना ने जेल कर्मचारियों से अपनी पीड़ा साझा की और बताया कि वह फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे।

रेवन्ना को एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को दोषी करार दिया था और शनिवार को उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। अदालत ने साथ ही 11.50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया, जिसमें से 11.25 लाख रुपये पीड़िता रेवन्ना के घर में घरेलू सहायिका के रूप में काम कर चुकी महिला को मुआवजे के रूप में देने के निर्देश दिए गए हैं।

जेल सूत्रों ने बताया कि पूर्व सांसद को हाई-सेक्योरिटी बैरक में रखा गया है और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। सुरक्षा एजेंसियों ने किसी भी संभावित खतरे को ध्यान में रखते हुए विशेष निगरानी के आदेश दिए हैं। जेल प्रशासन के अनुसार, सभी कैदियों के लिए निर्धारित नियमों और ड्रेस कोड का पालन अनिवार्य है, और रेवन्ना को भी जेल की निर्धारित वर्दी पहननी पड़ी है।

34 वर्षीय रेवन्ना को यौन उत्पीड़न और दुष्कर्म से जुड़े चार मामलों में से एक में दोषी ठहराया गया है। यह मामला ऐसे समय पर सामने आया जब कर्नाटक की राजनीति में जेडीएस और भाजपा गठबंधन के संबंधों को लेकर चर्चा जोरों पर है। विशेष अदालत के न्यायाधीश संतोष गजानन भट ने अपने फैसले में यह स्पष्ट किया कि सार्वजनिक जीवन में रहकर किसी व्यक्ति का ऐसा आचरण न केवल पीड़िता के लिए विनाशकारी है बल्कि यह समाज और न्याय व्यवस्था के प्रति गंभीर अपराध है।

कर्नाटक की विशेष अदालत द्वारा सुनाए गए इस फैसले ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है और राज्य की सियासत में बड़े नतीजों की संभावना जताई जा रही है। वहीं, जेडीएस की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। यह देखना बाकी है कि पार्टी अपने वरिष्ठ नेता के पोते को लेकर क्या रुख अपनाती है और इस सजा का असर आगामी राजनीतिक समीकरणों पर कितना पड़ता है।

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