वाराणसी: रामनगर क्षेत्र के लोगों के लिए बुधवार का दिन लंबे इंतज़ार के समाप्त होने का साक्षी बना, जब वर्षों से बदहाली और उपेक्षा का शिकार रहे शमशान घाट मार्ग के निर्माण का विधिवत शिलान्यास किया गया। यह मार्ग केवल एक सड़क नहीं, बल्कि जीवन की अंतिम यात्रा से जुड़ा वह संवेदनशील रास्ता है, जहां सम्मान, सुविधा और मानवीय गरिमा सर्वोपरि होती है। माननीय महापौर अशोक तिवारी जी के सहयोग और वार्ड की जनता के विश्वास से इस बहुप्रतीक्षित कार्य की शुरुआत संभव हो सकी, जिससे पूरे क्षेत्र में संतोष और राहत का माहौल है।
शिलान्यास कार्यक्रम अघोर पीठ आश्रम के महंत गिरी महाराज जी के करकमलों से विधि-विधान और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच संपन्न हुआ। इस अवसर पर वार्ड के वर्तमान पार्षद रामकुमार यादव भी मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान स्थानीय लोगों ने इसे केवल एक निर्माण कार्य नहीं, बल्कि वर्षों की पीड़ा से मुक्ति का क्षण बताया।
वर्षों से कीचड़, गंदगी और असहनीय पीड़ा का रास्ता
गौरतलब है कि रामनगर शमशान घाट जाने वाला यह मार्ग बीते कई वर्षों से जर्जर हालत में था। बरसात के दिनों में सड़क कीचड़ और जलभराव से पूरी तरह भर जाती थी। हालात ऐसे हो जाते थे कि शव यात्रा निकालना अत्यंत कठिन, पीड़ादायक और कई बार जोखिम भरा साबित होता था। परिजनों को फिसलन भरे रास्ते पर शव को कंधे पर संभालते हुए आगे बढ़ना पड़ता था। रामनगर के साथ-साथ आसपास के गांवों से आने वाले लोग भी इसी मार्ग का उपयोग करते थे और उन्हें हर बार इस अमानवीय स्थिति से गुजरना पड़ता था।
स्थानीय लोगों का कहना था कि अंतिम यात्रा जैसे संवेदनशील समय में इस तरह की कठिनाइयां समाज की संवेदनशीलता पर सवाल खड़े करती थीं। अब पक्के मार्ग के निर्माण से न केवल रामनगर, बल्कि आसपास के कई गांवों के हजारों लोगों को सीधा और स्थायी लाभ मिलेगा।
महापौर के सहयोग से धरातल पर उतरा सपना
इस सड़क के निर्माण में माननीय महापौर अशोक तिवारी जी का अहम योगदान रहा। उनके सहयोग और सकारात्मक पहल से यह वर्षों पुरानी मांग अब हकीकत का रूप ले रही है। शिलान्यास के बाद पूरे वार्ड में खुशी की लहर दौड़ गई। लोगों ने इसे जनभावनाओं से जुड़ा हुआ विकास कार्य बताते हुए महापौर और पार्षद दोनों के प्रति आभार जताया।
महंत और जनप्रतिनिधियों की प्रतिक्रिया
इस अवसर पर अघोर पीठ के महंत गिरी महाराज जी ने कहा,
“शमशान घाट तक जाने वाला मार्ग केवल आवागमन का साधन नहीं, बल्कि जीवन और मृत्यु के बीच की अंतिम यात्रा का पथ होता है। उसका सुगम, स्वच्छ और सुरक्षित होना समाज की संवेदनशीलता को दर्शाता है। यह कार्य निश्चित रूप से पुण्य और मानव सेवा से जुड़ा हुआ है।”
वहीं पार्षद रामकुमार यादव ने कहा,“यह सड़क वार्डवासियों की वर्षों पुरानी मांग थी। बरसात में हालात बेहद खराब हो जाते थे। माननीय महापौर जी के सहयोग से आज इसका शिलान्यास संभव हो सका है। निर्माण पूरा होने के बाद किसी को भी शव यात्रा के दौरान परेशानी नहीं होगी।”
जनता ने साझा किया दर्द और संतोष
शिलान्यास कार्यक्रम में मौजूद स्थानीय निवासियों और उस समय शमशान घाट आए शव यात्रियों ने भी अपनी पीड़ा साझा की। लोगों ने कहा, “हमने कई बार कीचड़ में फिसलते हुए अंतिम यात्रा निकाली है। वह अनुभव बेहद दर्दनाक था। अब इस सड़क के बन जाने से आने वाली पीढ़ियों को यह कष्ट नहीं झेलना पड़ेगा।”
बड़ी संख्या में लोग रहे उपस्थित
शिलान्यास समारोह में अमित नारायण सिंह, लक्ष्मी पहलवान, रंजीत पाण्डेय, कामेश्वर पाण्डेय, नन्दू यादव, कन्हैया यादव, राममूरत यादव, परमानन्द यादव, जी.एस. पाण्डेय, लड्डू खान, रिजवान अहमद, इन्तजार अहमद, शिवव्रत पाल, श्याम बिहारी यादव, आशीष राय, उमेश सोनकर, विनोद यादव, जितेन्द्र पाल, घोटू बार्बर सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित रहे।
मीडिया की भूमिका को मिला सार्वजनिक सम्मान
शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान एक अहम पहलू सामने आया, जिसे उपस्थित जनसमुदाय और जनप्रतिनिधियों ने विशेष रूप से रेखांकित किया। लोगों ने स्पष्ट कहा कि इस मार्ग की बदहाली को उजागर करने में न्यूज रिपोर्ट की भूमिका निर्णायक रही है।
आपको याद दिलाते चलें कि शमशान घाट जाने वाले इस कीचड़ भरे रास्ते की दुर्दशा को लेकर न्यूज रिपोर्ट ने लगातार और प्रमुखता से खबरें प्रकाशित की थीं। बारिश के मौसम में शव यात्रा के दौरान लोगों को हो रही पीड़ा, कीचड़ और फिसलन से जूझते परिजनों की व्यथा और मानवीय गरिमा से जुड़े इस गंभीर मुद्दे को समाचारों के माध्यम से बार-बार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों तक पहुंचाया गया। इन्हीं खबरों के संज्ञान में आने के बाद इस मार्ग के निर्माण की दिशा में ठोस पहल संभव हो सकी।
पार्षद रामकुमार यादव ने खुले मंच से मीडिया की भूमिका की सराहना करते हुए कहा, “न्यूज रिपोर्ट की हर खबर सच, सटीक और असरदार होती है। इसी वजह से जनसमस्याएं जिम्मेदारों तक पहुंचती हैं और समाधान का रास्ता निकलता है। शमशान घाट मार्ग का निर्माण इसका जीवंत उदाहरण है।”
स्थानीय निवासियों ने भी एक स्वर में न्यूज रिपोर्ट का विशेष धन्यवाद प्रकट किया और कहा कि यदि यह मुद्दा लगातार खबरों के माध्यम से सामने न लाया जाता, तो शायद यह समस्या आज भी फाइलों में दबी रहती।
विकास से आगे, मानवीय सम्मान की मिसाल
रामनगर शमशान घाट मार्ग का निर्माण केवल एक विकास परियोजना नहीं, बल्कि मानवीय गरिमा, सामाजिक संवेदनशीलता और जिम्मेदार जनप्रतिनिधित्व का प्रतीक है। इस सड़क के बन जाने से अंतिम यात्रा सम्मानजनक, सुरक्षित और सुगम होगी। यही वजह है कि यह शिलान्यास क्षेत्रवासियों के लिए महज एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि वर्षों की पीड़ा से मिली राहत और एक अविस्मरणीय क्षण बन गया है।
वाराणसी: रामनगर/कीचड़ भरे रास्ते से मिलेगी स्थाई राहत, शमशान घाट मार्ग के निर्माण का हुआ शिलान्यास

वाराणसी के रामनगर में शमशान घाट मार्ग के निर्माण का शिलान्यास हुआ, जिससे वर्षों की बदहाली से मुक्ति मिलेगी।
Category: uttar pradesh varanasi infrastructure
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