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रूसी राष्ट्रपति पुतिन 4-5 दिसंबर को भारत आएंगे, रक्षा और व्यापार पर होगी अहम चर्चा

रूसी राष्ट्रपति पुतिन 4-5 दिसंबर को भारत आएंगे, रक्षा और व्यापार पर होगी अहम चर्चा

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4-5 दिसंबर को भारत दौरे पर रहेंगे, वार्षिक समिट में ऊर्जा, रक्षा, व्यापार पर अहम चर्चा होगी।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 और 5 दिसंबर को भारत आएंगे वार्षिक समिट में रक्षा और व्यापार पर अहम चर्चा

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर 4 और 5 दिसंबर को भारत के स्टेट विजिट पर आने वाले हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को इस जानकारी की पुष्टि की है। यह दौरा भारत और रूस के बीच होने वाले तेइसवें सालाना समिट के लिए तय किया गया है और माना जा रहा है कि इस दौरान दोनों देशों के बीच ऊर्जा सहयोग, तेल खरीद, रक्षा समझौते और व्यापार से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन चर्चा होगी। भारत और रूस के बीच यह संवाद ऐसे समय में हो रहा है जब बदलते वैश्विक माहौल और क्षेत्रीय परिस्थितियों में दोनों देशों के संबंध रणनीतिक रूप से और भी अहम माने जा रहे हैं।

इस साल अगस्त में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के मॉस्को दौरे के दौरान राष्ट्रपति पुतिन के भारत आने की घोषणा की गई थी हालांकि उस समय तारीख तय नहीं की गई थी। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन के समिट में चीन में मिले थे जहां दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर बात की थी। अब विदेश मंत्रालय ने साफ किया है कि पुतिन भारत और रूस के वार्षिक समिट में शामिल होने और प्रधानमंत्री मोदी के साथ महत्वपूर्ण वार्ता के लिए भारत पहुंचेंगे।

विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में बताया कि पुतिन का यह स्टेट विजिट दोनों देशों के बीच स्पेशल और प्रिविलेज्ड स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप को और मजबूत करने का अवसर देगा। पुतिन इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करेंगे और दोनों नेता आपसी रिश्तों में हुई प्रगति का विस्तृत समीक्षा करेंगे। साथ ही रक्षा, ऊर्जा सहयोग, व्यापार वृद्धि, भविष्य की रणनीतियां और विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार साझा करेंगे। मंत्रालय के अनुसार यह यात्रा भारत और रूस को अपने द्विपक्षीय संबंधों में नए लक्ष्यों को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

राष्ट्रपति भवन में पुतिन के सम्मान में विशेष दावत का भी आयोजन किया जाएगा। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु प्रोटोकॉल के अनुसार रूसी राष्ट्रपति की अगवानी करेंगी और दिवसीय कार्यक्रमों के दौरान विभिन्न आधिकारिक वार्ताएं भी होंगी। दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों के बीच कई स्तरों पर बातचीत होने की संभावना जताई गई है जिसमें रक्षा उत्पादन, ऊर्जा निवेश, उच्च तकनीकी सहयोग और लॉजिस्टिक सुधार जैसे विषय शामिल हो सकते हैं।

भारत और रूस के बीच लंबे समय से घनिष्ठ संबंध रहे हैं और दोनों देशों ने कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक दूसरे का साथ दिया है। हाल के वर्षों में ऊर्जा और रक्षा व्यापार में बढ़ोतरी ने इन संबंधों को और गहराई दी है। ऐसे में पुतिन का यह दौरा न केवल कूटनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और वैश्विक परिस्थितियों में भी इसका व्यापक प्रभाव देखा जा सकता है। इस मुलाकात से दोनों देशों के बीच सहयोग के नए रास्ते खुलने की उम्मीद की जा रही है।

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