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वाराणसी/रामनगर में 112 मीटर ऊंची ट्विन टावर परियोजना को मंजूरी, रिकॉर्ड 4 दिन में मिली स्वीकृति

वाराणसी/रामनगर में 112 मीटर ऊंची ट्विन टावर परियोजना को मंजूरी, रिकॉर्ड 4 दिन में मिली स्वीकृति

वाराणसी विकास प्राधिकरण ने 112 मीटर ऊंचे ट्विन टावर व्यवसायिक सह आवासीय योजना को चार दिन में मंजूरी दी, जो क्षेत्र की सबसे ऊंची इमारत होगी।

वाराणसी: रामनगर/पूर्वांचल के सबसे तीव्र गति से विकसित हो रहे क्षेत्रों में शुमार जीटी रोड पड़ाव से रामनगर मुख्य मार्ग के बीच अब आसमान छूती इमारतें खड़ी होने जा रही हैं। वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) ने इस क्षेत्र में प्रस्तावित 112 मीटर ऊंची ट्विन टावर व्यवसायिक सह समूह आवासीय योजना को मंजूरी दे दी है। यह परियोजना अब तक वाराणसी क्षेत्र की सबसे ऊंची स्वीकृत बिल्डिंग होगी। खास बात यह है कि इस महत्वाकांक्षी योजना को प्राधिकरण ने सिर्फ चार दिनों में ही स्वीकृति प्रदान कर दी, जो किसी भी बड़ी शहरी परियोजना के लिए बेहद तेज़ प्रशासनिक प्रक्रिया मानी जा रही है।

यह परियोजना आराजी संख्या 45/1, 47/1, 47/2, 47/3, मौजा सेमरा एवं परगना राल्हूपुर तथा आराजी संख्या 18/1, 18/2, 150MI/1, 150/1D, मौजा कटेसर, परगना राल्हूपुर, जिला चंदौली (उत्तर प्रदेश) में स्थित भूमि पर विकसित की जाएगी। यह भूमि मुख्य राष्ट्रीय राजमार्ग जीटी रोड पड़ाव से रामनगर मुख्य मार्ग के बीच स्थित है, जो तेजी से उभरता हुआ व्यावसायिक और आवासीय कॉरिडोर बन रहा है।

चार दिनों में मिली स्वीकृति, रिकॉर्ड समय में पूरा हुआ अनुमोदन प्रक्रिया, विकासकर्ता जेएचएस इंफ्रा होम्स एलएलपी के पार्टनर श्री जितेंद्र कुमार और जीत होम सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक के रूप में श्री जितेंद्र कुमार ने इस परियोजना का मानचित्र वाराणसी विकास प्राधिकरण के मानचित्र अनुभाग में ऑनलाइन जमा किया था। प्रस्तावित परियोजना में 9551 वर्गमीटर के नेट क्षेत्रफल पर व्यवसायिक और आवासीय यूनिटों का समावेश किया गया है। इसमें कुल 357 आवासीय इकाइयां और आधुनिक व्यवसायिक परिसर शामिल होंगे।

वीडीए के अधिकारियों ने बताया कि सभी आवश्यक तकनीकी, वास्तु एवं भवन उपविधियों के अनुरूप प्रस्ताव मिलने के कारण मानचित्र की स्वीकृति केवल 4 दिन से भी कम समय में दे दी गई। प्राधिकरण का यह कदम "सिंगल विंडो क्लीयरेंस" की दिशा में बड़ा और प्रगतिशील कदम माना जा रहा है, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा और शहर के नियोजित विकास को गति मिलेगी।

परियोजना के अंतर्गत प्रस्तावित दो टावर (ट्विन टावर) में डबल बेसमेंट, भूतल एवं कुल 32 तल बनाए जाएंगे। प्रत्येक टावर में लोअर बेसमेंट और अपर बेसमेंट पार्किंग के लिए, प्रथम, द्वितीय और तृतीय तल व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स के रूप में, चतुर्थ से 32वें तल तक आवासीय इकाइयां, तथा टेरेस पर ओपन एयर रेस्तरां और स्विमिंग पूल की अवधारणा रखी गई है। यह डिज़ाइन न केवल वास्तुकला की दृष्टि से आकर्षक है, बल्कि आधुनिक शहरी जीवनशैली की आवश्यकताओं के अनुरूप भी है।

परियोजना में वाहनों की पार्किंग के लिए भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है। 489 कार पार्किंग की सुविधा (अपर बेसमेंट 99, लोअर बेसमेंट 198, खुली पार्किंग 192)।51 दोपहिया वाहनों के लिए निर्धारित स्थान। इसके अलावा भूतल पर 1459.78 वर्गमीटर का ग्रीन एरिया विकसित किया जाएगा, जहां लैंडस्केप गार्डन, सिटिंग एरिया और बच्चों के खेलने के स्थान की योजना है।
परियोजना में वाशरूम, लिफ्ट, अग्निशमन सीढ़ियां और सभी सुरक्षा मानकों को भी भवन उपविधियों के अनुसार शामिल किया गया है।

यह परियोजना पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखकर डिजाइन की गई है। वेस्ट वाटर रीसाइक्लिंग सिस्टम से ग्रे वाटर को पुनः फ्लशिंग और बागवानी में उपयोग किया जाएगा। रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से भूजल स्तर को बनाए रखने में मदद मिलेगी। साथ ही, फोटोवोल्टाइक सोलर सेल सिस्टम के माध्यम से नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग भी किया जाएगा, जिससे बिजली की खपत में कमी आएगी।

वाराणसी विकास प्राधिकरण को इस परियोजना से ₹6,94,91,568 (छः करोड़ चौरानबे लाख इक्यानबे हजार पाँच सौ अड़सठ रुपये) का राजस्व प्राप्त होगा।

अधिकारियों के अनुसार, यह परियोजना क्षेत्रीय विकास के साथ-साथ आसपास की भूमि के मूल्य में भी वृद्धि करेगी। इससे स्थानीय स्तर पर रोज़गार सृजन, आवासीय सुविधा और व्यवसायिक गतिविधियों को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि इस तरह की ऊंची और आधुनिक परियोजनाओं से वाराणसी अब पारंपरिक धार्मिक पहचान के साथ-साथ एक आधुनिक स्मार्ट सिटी और रियल एस्टेट हब के रूप में भी उभर रहा है।
ट्विन टावर जैसी ऊंची इमारतें न केवल शहर के स्काईलाइन को नया आयाम देंगी, बल्कि पूर्वांचल क्षेत्र को भी नई आर्थिक गति प्रदान करेंगी।

इस परियोजना के पूर्ण होने के बाद यह इलाका वाराणसी-रामनगर कॉरिडोर का प्रमुख लैंडमार्क बन सकता है। यह न केवल आवासीय जरूरतों की पूर्ति करेगा, बल्कि निवेशकों और रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए नए अवसर भी खोलेगा।

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