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वाराणसी: डोमराजा की चेतावनी के बाद प्रशासन हरकत में, घाटों पर से हटा अतिक्रमण

वाराणसी: डोमराजा की चेतावनी के बाद प्रशासन हरकत में, घाटों पर से हटा अतिक्रमण

डोमराजा की चेतावनी के बाद प्रशासन ने मणिकर्णिका से सिंधिया घाट तक अतिक्रमण हटाया, जिससे घाटों पर अव्यवस्था फैलाने वाले अतिक्रमणकारियों में हड़कंप मचा।

वाराणसी: काशी में श्मशान घाटों पर लंबे समय से चले आ रहे अवैध अतिक्रमण के मुद्दे पर आखिरकार प्रशासन हरकत में आ गया है। डोमराजा परिवार की सख्त चेतावनी और पातालपुरी मठ में हुई बैठक के बाद जिला प्रशासन और पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए मणिकर्णिका घाट से लेकर सिंधिया घाट तक व्यापक अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया। इस कार्रवाई से घाटों पर अव्यवस्था फैलाने वाले अतिक्रमणकारियों में हड़कंप मच गया।

अभियान का नेतृत्व एसीपी दशाश्वमेध अतुल अंजान त्रिपाठी ने किया। उनके साथ नगर निगम के परिवर्तन दल की टीम और बड़ी संख्या में पुलिस बल घाटों पर तैनात रहा। टीम ने पूरे क्षेत्र का गहन निरीक्षण किया और घाटों के किनारे एवं रास्तों पर अवैध रूप से बनाए गए अस्थायी ढांचे, ठेले, अवरोध और कब्जों को हटाया। कार्रवाई का उद्देश्य घाटों पर शवदाह, धार्मिक अनुष्ठान और श्रद्धालुओं के आवागमन में हो रही लगातार परेशानियों को दूर करना रहा।

दरअसल, डोमराजा परिवार ने मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर बढ़ते अतिक्रमण को लेकर गंभीर आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कि घाटों पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे अंतिम संस्कार जैसे संवेदनशील कार्यों में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में कई बार प्रशासन को अवगत कराने के बावजूद ठोस कार्रवाई न होने से नाराज होकर डोमराजा परिवार ने चेतावनी दी थी कि यदि 72 घंटे के भीतर अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो महाश्मशान पर शवदाह बंद कर दिया जाएगा। इस चेतावनी को प्रशासन ने गंभीरता से लेते हुए तत्काल कदम उठाया।

अतिक्रमण हटाने के दौरान पुलिस बल पूरी तरह सतर्क नजर आया। किसी भी तरह के विरोध या अव्यवस्था से निपटने के लिए पर्याप्त संख्या में जवान तैनात किए गए थे। कार्रवाई के दौरान कुछ लोगों द्वारा अस्थायी ढांचे हटाने का विरोध भी किया गया, लेकिन पुलिस की सख्ती और प्रशासन की स्पष्ट मंशा के आगे किसी की एक न चली। घाटों पर व्यवस्था बहाल होते देख स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं ने भी राहत की सांस ली।

एसीपी अतुल अंजान त्रिपाठी ने अभियान के दौरान स्पष्ट शब्दों में कहा कि काशी के घाटों की पवित्रता और व्यवस्था से किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने अतिक्रमणकारियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि भविष्य में यदि दोबारा अतिक्रमण करते हुए कोई भी पाया गया तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि यह अभियान केवल एक दिन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि आने वाले दिनों में नियमित निरीक्षण और सतत कार्रवाई की जाएगी, ताकि घाटों पर दोबारा अवैध कब्जे न पनप सकें।

प्रशासन की इस कार्रवाई को डोमराजा परिवार की चेतावनी के बाद उठाया गया निर्णायक कदम माना जा रहा है। माना जा रहा है कि इससे न सिर्फ श्मशान घाटों की व्यवस्था सुधरेगी, बल्कि काशी की धार्मिक परंपराओं और आस्था से जुड़े स्थलों की गरिमा भी बनी रहेगी। फिलहाल, मणिकर्णिका से सिंधिया घाट तक अतिक्रमण हटने के बाद घाटों पर हालात सामान्य नजर आ रहे हैं और प्रशासन ने साफ संकेत दे दिया है कि आगे किसी भी तरह की लापरवाही या अनदेखी नहीं की जाएगी।

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