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वाराणसी: सौ करोड़ कफ सीरप घोटाले की जांच, 28 कारोबारियों पर दर्ज होगा मुकदमा

वाराणसी: सौ करोड़ कफ सीरप घोटाले की जांच, 28 कारोबारियों पर दर्ज होगा मुकदमा

वाराणसी में 100 करोड़ के कफ सीरप घोटाले की जांच निर्णायक मोड़ पर है, 28 कारोबारियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज होंगे।

वाराणसी: सौ करोड़ रुपये के कफ सीरप घोटाले की जांच अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच रही है। स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम ने तय किया है कि इस मामले में शामिल 28 कारोबारियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इन कारोबारियों पर आरोप है कि उन्होंने कफ सीरप की खरीद और बिक्री में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं कीं, जिससे मिलावटी और अवैध दवाओं के कारोबार को बढ़ावा मिला।

एसआइटी ने पुलिस और ड्रग विभाग को निर्देश दिया है कि आरोपित 26 फर्मों की बीते तीन वर्षों की दवा खरीद-बिक्री का ब्योरा खंगाला जाए। यह जांच इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि कई फर्मों ने अपने लाइसेंस की शर्तों का खुलेआम उल्लंघन किया था। ड्रग विभाग की तहरीर पर कोतवाली पुलिस द्वारा लाइसेंस उल्लंघन का केस दर्ज किया जा चुका है।

एसआइटी के अध्यक्ष और एडीसीपी काशी जोन सरवणन टी ने बताया कि जांच को और गहराई से आगे बढ़ाने के लिए एसओजी और साइबर टीम की मदद ली जा रही है। तीन सदस्यीय एसआइटी के साथ कई अन्य टीमें भी इस पूरे नेटवर्क को खंगालने में जुटी हैं। मुख्य आरोपित शुभम जायसवाल के घर पर ताला लगा हुआ मिला है और उसके सभी पुराने और नए फोन नंबरों की निगरानी की जा रही है। पुलिस उसके रिश्तेदारों और परिचितों की गतिविधियों पर भी नजर रखे हुए है।

रोहनिया में बुधवार को 502 पेटी कफ सीरप और 62 प्लास्टिक बोरी में भरे फेंसिडिल की बरामदगी के बाद मामले में और मजबूती आई है। नए कानून के तहत पुलिस इस बरामदगी को सीधे कोर्ट में प्रस्तुत कर रही है। रोहनिया पुलिस के अनुसार काशीपुर निवासी महेश सिंह और शुभम जायसवाल अभी भी फरार हैं और उनकी तलाश जारी है।

एसआइटी की अगली बैठक 25 नवंबर को होगी, जिसमें अब तक की प्रगति की समीक्षा की जाएगी। इस बैठक में ड्रग विभाग की टीम भी शामिल होगी।

इस बीच खबर है कि कफ सीरप की बड़ी तस्करी की सूचना सामने आने के बाद केंद्र की एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं। ईडी शुभम जायसवाल की संपत्ति, लेन-देन और इंटरनेट मीडिया गतिविधियों की निगरानी कर रही है। उसके फेसबुक और अन्य इंटरनेट प्लैटफार्मों पर भेजे गए संदेशों की भी जांच की जा रही है, ताकि पूरे नेटवर्क की तह तक पहुंचा जा सके।

यह कार्रवाई स्वास्थ्य सुरक्षा से जुड़े एक बड़े खतरे को रोकने की दिशा में अहम मानी जा रही है। विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे दवाएं केवल विश्वसनीय और लाइसेंसधारी स्रोतों से ही खरीदें।

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