News Report
TRUTH BEHIND THE NEWS

वाराणसी: रक्षाबंधन से पहले बाजारों में नकली मिठाइयों की भरमार, स्वास्थ्य विभाग पर उठे सवाल

वाराणसी: रक्षाबंधन से पहले बाजारों में नकली मिठाइयों की भरमार, स्वास्थ्य विभाग पर उठे सवाल

वाराणसी के बाजारों में रक्षाबंधन के नजदीक आते ही मिलावटी मिठाइयों की बिक्री जोरों पर है, जिससे स्वास्थ्य को खतरा है और खाद्य सुरक्षा विभाग मूकदर्शक बना है।

वाराणसी: रक्षाबंधन का पर्व नजदीक आते ही शहर और आसपास के बाजार रंग-बिरंगी राखियों, उपहारों और मिठाइयों से सज गए हैं, लेकिन इस बार त्योहार की मिठास के बीच एक कड़वा सच भी घुला हुआ है। बाजारों में खुलेआम नकली और घटिया क्वालिटी की मिठाइयों की बिक्री हो रही है, जिससे न केवल उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर खतरा मंडरा रहा है, बल्कि मिलावटखोरों के हौसले भी बुलंद हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इन खतरनाक मिठाइयों पर लगाम लगाने वाला खाद्य सुरक्षा विभाग इस पूरे मामले में लगभग मूकदर्शक बना हुआ है।

त्योहार के इस मौसम में नकली मिठाइयों का कारोबार जमकर फल-फूल रहा है। दूध, खोया और घी की आड़ में सिंथेटिक केमिकल, स्टार्च पाउडर और कृत्रिम रंगों से तैयार मिठाइयां धड़ल्ले से बेची जा रही हैं। जांच से जुड़े सूत्रों के अनुसार, कुछ दुकानों में मिठाइयों को चमकदार और ताजा दिखाने के लिए खतरनाक रंगों और पॉलिश का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो सीधे तौर पर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।

स्थानीय उपभोक्ताओं और व्यापारियों का कहना है कि हर साल रक्षाबंधन और दीवाली जैसे त्योहारों पर नकली मिठाइयों की भरमार हो जाती है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल औपचारिकता निभाई जाती है। इस बार भी खाद्य विभाग ने अब तक कोई ठोस छापेमारी अभियान नहीं चलाया है। कई दुकानदार खुलेआम गली-मोहल्लों में बिना रसीद और बिना उत्पादन तिथि वाली मिठाइयां बेच रहे हैं, जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि निरीक्षण और निगरानी केवल कागजों पर सीमित है।

खाद्य विशेषज्ञों का कहना है कि सिंथेटिक मिलावटी मिठाइयों का सेवन पेट के संक्रमण, फूड पॉयजनिंग, लीवर और किडनी की बीमारियों का कारण बन सकता है। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी निष्क्रिय बने हुए हैं, जैसे किसी बड़े हादसे का इंतजार हो।

शहर के कई जागरूक नागरिकों ने सोशल मीडिया पर तस्वीरें और वीडियो साझा कर इस समस्या को उजागर किया है। उन्होंने जिला प्रशासन और खाद्य सुरक्षा विभाग से तत्काल सघन जांच और कार्रवाई की मांग की है। लोगों का कहना है कि यदि विभाग ईमानदारी से छापेमारी करे तो न केवल नकली मिठाइयों के कारोबारी पकड़े जाएंगे, बल्कि आम जनता के स्वास्थ्य की भी रक्षा होगी।

अब सवाल यह है कि क्या प्रशासन और खाद्य विभाग इस चेतावनी को गंभीरता से लेकर नकली मिठाइयों पर नकेल कसेंगे, या फिर हर साल की तरह इस बार भी मामले को नजरअंदाज कर देंगे। त्योहार की खुशियों को जहर से बचाने के लिए अब ठोस और कठोर कार्रवाई समय की मांग है, ताकि रक्षाबंधन की मिठास सच में सुरक्षित रह सके।

FOLLOW WHATSAPP CHANNEL
News Report Youtube Channel

LATEST NEWS