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वाराणसी में वित्तीय ठगी गिरोह का भंडाफोड़, मुख्य सरगना गिरफ्तार बाकी सदस्यों की तलाश

वाराणसी में वित्तीय ठगी गिरोह का भंडाफोड़, मुख्य सरगना गिरफ्तार बाकी सदस्यों की तलाश

वाराणसी पुलिस ने वित्तीय धोखाधड़ी करने वाले एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए, उसके मुख्य सरगना शरद भार्गव को सोनीपत से दबोचा।

वाराणसी: लंका थाना की पुलिस ने शहर में सक्रिय एक संगठित वित्तीय धोखाधड़ी गिरोह का शनिवार को पुलिस ने भंडाफोड़ करते हुए इसके मुख्य सरगना को दबोच लिया। पुलिस का दावा है कि यह गिरोह बड़े पैमाने पर जालसाजी कर निवेश के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपये ठगने में शामिल रहा है। गिरफ्तार आरोपी की पहचान शरद भार्गव पुत्र स्वर्गीय ध्रुव भार्गव, निवासी फ्लैट नंबर 903, विनायका रेजिडेंसी, लंका, वाराणसी के रूप में हुई है। पुलिस ने उसे हरियाणा के सोनीपत जनपद में कुंडली थाना क्षेत्र स्थित 36 फर्स्ट फ्लोर, TDI इम्पैरर, नजदीक TDI मॉल से दबोचा।

यह कार्रवाई पुलिस आयुक्त के चलाए जा रहे अभियान के तहत हुई, जिसमें धोखाधड़ी, साइबर फ्रॉड और झांसेबाजी की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए जिला भर में विशेष ऑपरेशन संचालित किया जा रहा है। डीसीपी काशी जोन गौरव बंशवाल, एडीसीपी अपराध सरवणन टी.के. और एसीपी भेलूपुर गौरव कुमार के निर्देशन में प्रभारी निरीक्षक लंका राजकुमार शर्मा की टीम ने “ऑपरेशन चक्रव्यूह” के दौरान शनिवार को यह सफलता हासिल की।

रविवार को मीडिया से बातचीत में डीसीपी काशी जोन गौरव बंशवाल ने बताया कि 17 अक्टूबर 2025 को डाक पेशी पैड के माध्यम से प्राप्त तहरीर में पीड़ित ने आरोप लगाया था कि शरद भार्गव और उसके साथियों ने उसे व्यापार में साझेदारी का झांसा देकर 1 करोड़ 30 लाख रुपये निवेश के रूप में लिए थे। आरोप है कि तय मुनाफा देने के बजाय आरोपी ने रकम हड़प ली। शिकायतकर्ता के अनुसार, दबाव पड़ने पर आरोपी ने केवल 45 लाख रुपये लौटाए, जबकि शेष 85 लाख रुपये हड़पकर इंकार कर दिया। पीड़ित की शिकायत व साक्ष्यों के आधार पर लंका थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर तत्काल कार्रवाई शुरू की।

सूचना तंत्र सक्रिय होने पर पुलिस को आरोपी की लोकेशन हरियाणा में मिली और टीम ने दबिश देकर उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी के खिलाफ लंका थाने में दो, चौक थाने में एक और कोतवाली थाने में एक मुकदमा पहले से दर्ज है, जिससे गिरोह की आपराधिक पृष्ठभूमि की पुष्टि होती है। पुलिस अब शरद के नेटवर्क, साथियों और निवेश के नाम पर किए गए पूरे फर्जी सिस्टम की तहकीकात कर रही है। शेष आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिशें जारी हैं।

लंका पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 316(5), 318(4), 111(2)(आ) बीएनएस के तहत मुकदमा पंजीकृत करते हुए उसे जेल भेज दिया है। पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक राजकुमार शर्मा, उपनिरीक्षक स्वप्निल सिंह, उपनिरीक्षक अतहर अली, कांस्टेबल सूरज सिंह, अमित शुक्ला, पवन कुमार यादव, अश्विनी सिंह (सर्विलांस सेल) और महिला कांस्टेबल रूपम पांडेय शामिल रहे। पुलिस का कहना है कि जल्द ही पूरे गिरोह को बेनकाब कर आगे की बड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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