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वाराणसी: नव वर्ष पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, गोदौलिया मार्ग नो व्हीकल जोन घोषित

वाराणसी: नव वर्ष पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, गोदौलिया मार्ग नो व्हीकल जोन घोषित

वाराणसी में नव वर्ष पर भारी भीड़ के मद्देनजर, प्रशासन ने गोदौलिया मार्ग को नो व्हीकल जोन घोषित किया है ताकि सुगम दर्शन हो सके।

वाराणसी में हर वर्ष नए साल के अवसर पर जश्न मनाने और बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए देश और दुनिया से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस वर्ष भी श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो चुका है और बीते दिनों में ही शहर में भारी भीड़ देखने को मिली है। घाटों से लेकर मंदिर मार्गों तक श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिसके कारण कई इलाकों में जाम की स्थिति बन रही है। इससे न केवल यातायात प्रभावित हो रहा है बल्कि दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की आवाजाही भी चुनौतीपूर्ण हो गई है। प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो और श्रद्धालुओं को सुरक्षित वातावरण मिल सके।

भीड़ नियंत्रण और व्यवस्थाओं को सुचारु बनाए रखने के लिए प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी लगातार संवेदनशील इलाकों का भ्रमण कर रहे हैं। इसी क्रम में देर रात गोदौलिया क्षेत्र में पैदल निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के बाद पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने मैदागिन से गोदौलिया तक के मार्ग को नो व्हीकल जोन घोषित करने का निर्णय लिया। इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगी ताकि श्रद्धालुओं को सुगम दर्शन और सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित किया जा सके। पुलिस कमिश्नर ने बताया कि नए वर्ष के मद्देनजर श्रद्धालुओं की संख्या में तेज वृद्धि हुई है और बीते शनिवार और रविवार को चार से पांच लाख श्रद्धालु वाराणसी पहुंचे थे। इसी को देखते हुए सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं और अतिक्रमण भी हटाया गया है। महाकुंभ की तर्ज पर मैदागिन से गोदौलिया मार्ग को नो व्हीकल जोन बनाया गया है, जहां प्रोटोकॉल की गाड़ियों सहित सभी वाहनों पर प्रतिबंध रहेगा। केवल स्थानीय दो पहिया वाहन ही इस मार्ग पर आ जा सकेंगे।

प्रशासन ने दिव्यांगजनों और वृद्ध श्रद्धालुओं की सुविधा का भी विशेष ध्यान रखा है। मंदिर प्रशासन की ओर से इलेक्ट्रिक गाड़ियों की व्यवस्था की जा रही है ताकि उन्हें दर्शन में किसी प्रकार की कठिनाई न हो। इसके साथ ही दर्शन व्यवस्था, पार्किंग और शहर में वाहनों की एंट्री को लेकर महाकुंभ जैसी प्रणाली लागू की गई है। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को गंगा द्वार से ही मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है, जबकि बाहरी वाहनों को संस्कृत विश्वविद्यालय की पार्किंग में खड़ा कराया जा रहा है। शहर के अंदर किसी भी बाहरी वाहन को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है, जिससे भीड़ और यातायात का दबाव कम किया जा सके।

सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करते हुए मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में आरएएफ और पीएसी की अतिरिक्त टुकड़ियां तैनात की गई हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी स्वयं मौके पर मौजूद रहकर व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं। इसके साथ ही बम डिस्पोजल स्क्वायड और डॉग स्क्वायड मंदिर परिसर, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन और अन्य भीड़भाड़ वाले इलाकों में लगातार जांच अभियान चला रहे हैं। प्रशासन का कहना है कि इन सभी इंतजामों का उद्देश्य श्रद्धालुओं को सुरक्षित और व्यवस्थित दर्शन उपलब्ध कराना है ताकि वे नए वर्ष की शुरुआत आस्था और शांति के साथ कर सकें।

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