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वाराणसी: यातायात सुगम बनाने के लिए ट्रैफिक सिग्नल में टाइमर लगाने की तैयारी

वाराणसी: यातायात सुगम बनाने के लिए ट्रैफिक सिग्नल में टाइमर लगाने की तैयारी

वाराणसी में ट्रैफिक पुलिस प्रमुख चौराहों पर सिग्नल टाइमर लगाने की प्रक्रिया जल्द शुरू करेगी, जाम व प्रदूषण कम होगा।

वाराणसी में बढ़ते वाहन दबाव और लगातार बिगड़ती यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। शहर के प्रमुख चौराहों पर लगे ट्रैफिक सिग्नल में टाइमर लगाने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। इस पहल का उद्देश्य चालक को सिग्नल बदलने के समय की स्पष्ट जानकारी देना है ताकि अनावश्यक जल्दबाजी, जाम और ईंधन की बर्बादी को कम किया जा सके। नगर निगम को भेजे गए पत्र में ट्रैफिक पुलिस ने 21 सिग्नल लाइट में टाइमर लगाने, 26 नए चौराहों और तिराहों पर सिग्नल सिस्टम स्थापित करने और छह बंद सिग्नल की मरम्मत की मांग की है। अधिकारियों का कहना है कि टाइमर होने से चालक सिग्नल के लाल होने पर वाहन बंद रख सकेंगे और सिग्नल हरा होने से कुछ सेकेंड पहले वाहन स्टार्ट कर सहज गति से आगे बढ़ सकेंगे। इससे न केवल जाम और ध्वनि प्रदूषण कम होगा बल्कि ईंधन की बचत भी होगी।

शहर में ट्रैफिक का दबाव पिछले कुछ वर्षों में काफी बढ़ा है। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण होने और पर्यटकों की संख्या में तेजी से वृद्धि के बाद वाराणसी की सड़कों पर वाहनों का प्रवाह पहले से अधिक हो गया। कई चौराहों पर प्रतिदिन 50 से 100 वाहन सिग्नल पर खड़े रहते हैं। ट्रैफिक विशेषज्ञों के अनुसार यदि वाहन एक मिनट से अधिक समय तक खड़ा रहता है और चालक इंजन बंद कर देता है तो औसतन 0.1 से 0.2 लीटर ईंधन की बचत होती है। बड़े चौराहों पर इस बचत का असर प्रतिदिन सैकड़ों लीटर तक पहुंच सकता है, जिससे पर्यावरण और आर्थिक दोनों तरह से लाभ मिलेगा।

टाइमर लगाने का एक और बड़ा फायदा यह होगा कि चालक सिग्नल के समय को स्पष्ट रूप से देखकर जल्दबाजी या गलत दिशा में बढ़ने जैसी गलतियों से बच सकेंगे। यह कदम दुर्घटना दर को कम करने में भी सहायक हो सकता है। ट्रैफिक पुलिस ने बताया कि वर्तमान में कई चौराहों पर लाल, पीली और हरी लाइट तो हैं लेकिन टाइमर न होने से चालक को सिग्नल बदलने का अंदेशा नहीं रहता। इसके कारण अचानक ब्रेक, गलत लेन बदलने और अनावश्यक हॉर्न बजाने की स्थिति अक्सर बनती है जो यातायात को प्रभावित करती है।

नगर निगम को भेजे गए प्रस्ताव में उन चौराहों की सूची भी शामिल है जहां सिग्नल लाइट पहले से लगी हैं। इनमें मलदहिया, चौकाघाट, अंधरापुल, सिगरा, रथयात्रा, पांडेयपुर, लहरतारा, चेतमणि, पद्मश्री, बीएचयू, मंडुवाडीह, चांदपुर, रविंद्रपुरी, मरीमाई तिराहा, आशियाना, गोलगड्ढा, आकाशवाणी, साजन, काली माता मंदिर, भिखारीपुर और मुढैला शामिल हैं। इसके अलावा नए चिह्नित चौराहे जैसे भेलूपुर, मैदागिन, रामनगर, शास्त्री चौराहा, रविदास, पुलिस लाइन, कचहरी, महावीर मंदिर, सब्जी मंडी भोजूबीर, संदहा, पंचक्रोशी, हरहुआ रिंग रोड और अन्य महत्वपूर्ण स्थान भी सूची में शामिल हैं। इन जगहों पर सिग्नल लगाने से भीड़भाड़ को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।

कई सिग्नल लंबे समय से बंद पड़े हैं जिनकी वजह से ट्रैफिक पुलिस को मैनुअल तरीके से यातायात नियंत्रित करना पड़ता है। पत्र में इन सभी खराब सिग्नलों की मरम्मत जल्द से जल्द करने की भी मांग की गई है। अधिकारियों का मानना है कि नियमित रूप से बढ़ते वाहन दबाव को देखते हुए इलेक्ट्रॉनिक यातायात प्रणाली को मजबूत करना अब अत्यंत आवश्यक है। यह पहल न केवल स्थानीय निवासियों को राहत देगी बल्कि शहर में आने वाले पर्यटकों के लिए भी सुगम यातायात सुनिश्चित करेगी।

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