Sat, 06 Dec 2025 11:27:05 - By : Palak Yadav
उत्तर प्रदेश की राजनीति में कफ सिरप मामले को लेकर जारी विवाद एक बार फिर तेज हो गया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राज्य सरकार पर कड़ा हमला बोलते हुए पूछा है कि कफ सिरप माफिया माने जा रहे शख्स शुभम जायसवाल के घर बुलडोजर एक्शन आखिर कब होगा। उन्होंने सरकार की बुलडोजर नीति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कभी न्याय का प्रतीक बताई गई यह मशीन अब अचानक मौन कैसे हो गई। अखिलेश ने सवाल उठाया कि क्या बुलडोजर की चाबी खो गई या फिर ड्राइवर ही उसे छोड़कर भाग गया। उनकी टिप्पणी का केंद्र यह आरोप रहा कि सरकार जिन मामलों में तुरंत और सख्त कार्रवाई का दावा करती थी, वही प्रणाली अब कफ सिरप नेटवर्क पर कार्रवाई में सुस्त क्यों दिखाई दे रही है।
सपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि जिस कफ सिरप कांड ने प्रदेश की छवि को झकझोर दिया है, उसमें कई स्तरों पर लापरवाही और मिलीभगत की आशंका सामने आ रही है। उन्होंने दावा किया कि इस नेटवर्क में शामिल कुछ लोगों को बचाने की कोशिश हो रही है और यही वजह है कि शुभम और अन्य आरोपियों के खिलाफ अपेक्षित कार्रवाई नहीं की जा रही। अखिलेश ने यह भी कहा कि एसटीएफ के कुछ लोग इसमें शामिल हैं, जिसके कारण यह पूरा मामला दबाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि जौनपुर में तैनाती दिलवाने में कुछ खास लोगों की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए क्योंकि वही लोग अब मामले को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने जौनपुर की उस घटना का भी उल्लेख किया जिसमें एक युवक को छोटे आरोप में गोली मारकर फेंक एनकाउंटर किया गया था। इसके साथ ही अमेठी में भी एक युवक की मौत का हवाला देते हुए कहा कि सरकार जनता में फेक परसेप्शन बनाने में जुटी है, जबकि गंभीर मामलों में असली आरोपियों की गिरफ्तारी और कार्रवाई को लेकर देरी दिखाई दे रही है। अखिलेश के अनुसार जनता को यह दिखाने का प्रयास हो रहा है कि सरकार सख्त कार्रवाई कर रही है, लेकिन वास्तविक मामलों में न तो बुलडोजर चल रहा है और न ही न्याय की तत्परता दिखाई दे रही है।
शुभम जायसवाल का वीडियो सामने आने के बाद अखिलेश यादव ने सीधे तौर पर सरकारी मशीनरी और यूपी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि वीडियो चैनल पर चलने का मतलब है कि सरकार के लोगों को शुभम की लोकेशन की जानकारी है, फिर भी उसे गिरफ्तार नहीं किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि अगर आरोपी सफाई देना चाहता है तो उसे देश में आकर अपनी बात सार्वजनिक करनी चाहिए और सरकार को आरोपियों के नाम उजागर करने चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि यह नेटवर्क केवल एक जिले तक सीमित नहीं है, बल्कि बनारस समेत प्रदेश के कई हिस्सों में फैला हुआ है। इस नेटवर्क में प्रशासनिक अफसर, पुलिस अफसर और भाजपा से जुड़े लोग तक शामिल बताए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में दवा कारोबार की आड़ में काले धन का प्रवाह हुआ है और इसी काली कमाई से महंगी गाड़ियां खरीद कर लोगों को गिफ्ट की गई हैं। इन गाड़ियों की डिलीवरी वाराणसी, लखनऊ और गोरखपुर के शोरूम से की गई है, लेकिन अब शोरूम संचालक भी उन खरीदारों के नाम बताने से बच रहे हैं। अखिलेश ने दावा किया कि इस नेटवर्क में पूर्वांचल के बाहुबलियों के नाम भी सामने आ रहे हैं।
उन्होंने सवाल किया कि जब छोटे आरोपों में बिना जांच के तुरंत कार्रवाई हो जाती है तो इतने बड़े मामले में सरकार की सक्रियता क्यों खत्म हो गई है। उन्होंने यह भी पूछा कि आरोपी शुभम के घर और संपत्तियों पर बुलडोजर कब चलेगा और क्या सरकार इस दिशा में कोई कदम उठाने का इरादा रखती है। अखिलेश ने कहा कि यह मामला केवल दवा की गुणवत्ता का नहीं है, बल्कि इससे जुड़े काले कारोबार, भ्रष्टाचार और सुरक्षा तंत्र की पारदर्शिता का भी है, जिस पर अब जनता को साफ जवाब देने की जिम्मेदारी सरकार की है।