Sun, 07 Dec 2025 15:13:24 - By : SUNAINA TIWARI
नई दिल्ली : मिली जानकारी के अनुसार चीन और जापान के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ता दिखाई दे रहा है। मियाको जलडमरूमध्य के पूर्व में किए जा रहे नियमित कैरियर आधारित फाइटर जेट प्रशिक्षण अभियानों के दौरान हस्तक्षेप के आरोपों ने दोनों देशों के संबंधों में नई दूरी पैदा कर दी है। चीन ने रविवार को जापान के खिलाफ कड़ा संदेश जारी करते हुए कहा कि जापानी सेल्फ डिसेंस फोर्स के विमानों ने पीएलए नेवी की सामान्य और घोषित प्रशिक्षण गतिविधियों में गंभीर हस्तक्षेप किया और इससे उड़ान सुरक्षा पर खतरा उत्पन्न हुआ।
दूसरी ओर जापान ने इस घटना को बिल्कुल अलग तरीके से प्रस्तुत किया है। जापान के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में शनिवार को चीनी लड़ाकू विमानों ने दो बार जापानी सैन्य फाइटर जेट पर फायर कंट्रोल रडार लॉक किया। मंत्रालय के अनुसार ये घटनाएं ओकिनावा के दक्षिण पूर्व क्षेत्र में हुईं और इन्हें टोक्यो ने अत्यंत खतरनाक और अस्वीकार्य बताया है।
रक्षा मंत्री शिंजिरो कोइजुमी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जापान ने चीन के सामने आधिकारिक विरोध दर्ज कराया है और स्पष्ट कर दिया है कि ऐसी घटनाएं भविष्य में दोहराई नहीं जानी चाहिए। कोइजुमी ने कहा कि जेट पर रडार लॉक करने की कार्रवाई विमान संचालन के सुरक्षित अंतरराष्ट्रीय मानकों से बाहर है और इससे अनावश्यक तनाव पैदा होता है।
चीन ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए दावा किया कि प्रशिक्षण गतिविधियों की पूर्व घोषणा की गई थी और जापानी विमानों ने ही अनधिकृत तरीके से इन अभ्यासों में हस्तक्षेप किया। चीनी सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने पीएलए नौसेना के प्रवक्ता सीनियर कैप्टन वांग जुएमेंग के हवाले से बताया कि जापान जो आरोप लगा रहा है वह तथ्यहीन है और चीन मांग करता है कि जापान तुरंत बदनाम करने की कोशिशें बंद करे और अपने अग्रिम अभियानों को रोक दे। वांग ने कहा कि पीएलए नेवी अपनी सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा के लिए उचित कदम उठाती रहेगी।
जापानी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार चीन का एक जे 15 लड़ाकू विमान एयरक्राफ्ट कैरियर लियाओनिंग से उड़ान भरकर जापानी एएसडीएफ एफ 15 विमान पर रडार लॉक करने की कार्रवाई में शामिल था। यह एफ 15 विमान संभावित एयरस्पेस उल्लंघन की प्रतिक्रिया में भेजा गया था। शाम को छह बजकर सैंतीस मिनट और सात बजकर आठ मिनट के बीच ऐसी ही एक और घटना हुई जिसमें एक अन्य एफ 15 को भी निशाना बनाया गया। हालांकि किसी प्रकार की क्षति या चोट की जानकारी नहीं मिली है।
इन घटनाओं ने एशिया प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा की स्थिति और अधिक संवेदनशील बना दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों देशों के बीच इस तरह की सैन्य टकराव वाली घटनाएं आगे और तनाव पैदा कर सकती हैं। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कूटनीतिक स्तर पर इस विवाद को कैसे संभाला जाता है और क्या दोनों पक्ष किसी तरह के भरोसे बहाली प्रयासों की ओर कदम बढ़ाते हैं।