Sat, 27 Sep 2025 15:08:34 - By : Garima Mishra
वाराणसी: विंध्याचल धाम में शनिवार को जगत कल्याणी माता विंध्यवासिनी के दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालुओं का भारी तांता रहा। शारदीय नवरात्र की षष्ठी तिथि पर मंदिर पहुंचे आस्थावानों ने भोर में मंगला आरती और श्रृंगार पूजन के बाद माता के दिव्य स्वरूप का दर्शन किया और मंगलकामनाएं की। सुबह से मंदिर परिसर में माता की जय-जयकार और घंटा-घड़ियाल शंख और नगाड़े की धुनों से वातावरण भक्तिमय बना रहा।
देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालु गंगा स्नान और लंबी कतार में खड़े होने के बाद देवी धाम पहुंचे। छोटे-बड़े सभी माता विंध्यवासिनी की भक्ति में लीन नजर आए। पहाड़ा वाली के जयघोष और मंत्रों के बीच भक्त अपनी श्रद्धा प्रकट करते रहे। मंदिर की छत पर आसन बिछाकर बैठे साधकों ने भी नवरात्र के अनुष्ठान में पूरी तन्मयता दिखाई। अष्टभुजा पहाड़ पर दूर-दूर से आए संत, महात्मा और साधक मां विंध्यवासिनी के पूजन में लीन रहे। त्रिकोण परिक्रमा पथ और महाकाली व मां अष्टभुजी के दरबार में भी सुबह से शाम तक दर्शन और पूजन का सिलसिला निरंतर चलता रहा।
श्रद्धालुओं ने गुड़हल, कमल और गुलाब के पुष्पों से मां का भव्य श्रृंगार देखा और अत्यंत भावभीन होकर दर्शन किए। वर्तमान समय में दूर-दराज से आए भक्तों की सुविधा के लिए विंध्याचल धाम क्षेत्र में प्रशासनिक और सुरक्षा इंतजाम बेहतर ढंग से किए गए थे। गंगा घाटों पर स्नान करते श्रद्धालुओं का रेला लगा रहा। दर्शन-पूजन के बाद श्रद्धालु अपने परिवार के साथ विंध्य की गलियों में भ्रमण कर बाजारों से आवश्यक वस्तुएं खरीदते नजर आए।
पुलिस प्रशासन ने मंदिर परिसर और आसपास के मार्गों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए, ताकि श्रद्धालुओं की भीड़ और व्यवस्थाओं में किसी प्रकार की असुविधा न हो। इस प्रकार विंध्याचल धाम में शारदीय नवरात्र की षष्ठी तिथि ने भक्ति, आस्था और सांस्कृतिक उत्साह का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया।