Mon, 22 Dec 2025 13:41:58 - By : Palak Yadav
ठिठुरनभरी सर्दी और घने कोहरे की परवाह किए बिना देश के विभिन्न प्रांतों से श्रद्धालु रविवार को वृंदावन पहुंचे और ठाकुर बांकेबिहारी के दर्शन के लिए मंदिर की ओर बढ़ते नजर आए। रविवार की भोर से ही मंदिर तक पहुंचने वाले सभी मार्गों पर श्रद्धालुओं का दबाव बनना शुरू हो गया था। मंदिर की ओर बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बैरियर लगाकर श्रद्धालुओं को रोकना पड़ा, लेकिन जैसे जैसे समय बढ़ता गया वैसे वैसे हालात चुनौतीपूर्ण होते चले गए। बैरियर पर रुकने से भीड़ सघन होती गई और महिलाओं बच्चों तथा बुजुर्गों को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ा। कई बुजुर्ग श्रद्धालुओं की हालत बिगड़ती देख स्थानीय दुकानदारों ने मानवीय पहल करते हुए उन्हें अपनी दुकानों पर बैठाकर राहत दी और स्थिति सामान्य होने पर आगे बढ़ने में सहयोग भी किया।
मंदिर के अंदर और बाहर की गलियों में पूरे दिन भीड़ का दबाव बना रहा। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के एंट्री पाइंट विद्यापीठ और जुगलघाट से लेकर मंदिर चबूतरे तक श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखने को मिलीं। मंदिर प्रांगण में माला और प्रसाद अर्पित करने के लिए श्रद्धालुओं का ठहराव लगातार व्यवस्था को प्रभावित करता रहा। माला प्रसाद अर्पित करने की होड़ में श्रद्धालुओं के बीच आपाधापी की स्थिति बनी रही जिससे भीतर भीड़ कम होने में समय लगा और बाहर खड़े श्रद्धालुओं को घंटों इंतजार करना पड़ा। कई श्रद्धालु बाजारों और संकरी गलियों में लंबे समय तक खड़े रहने को मजबूर रहे।
पुलिस और प्रशासन की ओर से व्यवस्था संभालने के लगातार प्रयास किए गए लेकिन हालात पूरी तरह नियंत्रण में नहीं आ सके। सुबह से शुरू हुआ भीड़ का दबाव दोपहर में राजभोग आरती के बाद मंदिर के पट बंद होने तक बना रहा। राजभोग के समय जब मंदिर के पट करीब बीस मिनट के लिए बंद किए गए तो पीछे से लगातार बढ़ रही भीड़ के कारण श्रद्धालुओं की स्थिति और भी कठिन हो गई। दोपहर में पट बंद होने के चलते हजारों श्रद्धालु दर्शन से वंचित रह गए हालांकि उन्होंने मंदिर के आसपास ही डेरा डाले रखा और शाम को पट खुलने पर अपने आराध्य के दर्शन किए।
वर्ष के अंतिम दिनों और नए वर्ष की शुरुआत को ठाकुरजी बांकेबिहारी के दर्शन के साथ जोड़ने की भावना के चलते श्रद्धालुओं ने पहले ही वृंदावन में ठहरना शुरू कर दिया है। आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या में और वृद्धि होने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में न केवल मंदिर परिसर बल्कि पूरे शहर में भीड़ नियंत्रण और यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखना पुलिस और प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।