Wed, 29 Oct 2025 13:06:55 - By : Tanishka upadhyay
वाराणसी: मोक्ष नगरी काशी के प्रसिद्ध हरिश्चंद्र घाट पर इन दिनों बेहद चिंताजनक स्थिति देखने को मिल रही है। घाट के किनारे फटा हुआ सीवर पाइप लगातार गंदा पानी गंगा में बहा रहा है, जिससे घाट का माहौल दूषित हो गया है। यहां अंतिम संस्कार के लिए आने वाले लोग, श्रद्धालु और विदेशी पर्यटक सभी इस गंदे पानी से होकर गुजरने को मजबूर हैं। इससे न केवल धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं बल्कि स्वच्छ गंगा अभियान की सच्चाई पर भी सवाल उठने लगे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि घाट के ऊपरी हिस्से में चल रहे विस्तार कार्य के दौरान सीवर की लाइन फट गई थी। पिछले चार से पांच सप्ताह से सीवर का यह पानी लगातार गंगा में गिर रहा है, लेकिन नगर निगम और संबंधित विभाग के अधिकारियों की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। गंगा के किनारे हरिश्चंद्र घाट को वाराणसी का दूसरा सबसे पुराना श्मशान घाट माना जाता है, जहां प्रतिदिन सैकड़ों अंतिम संस्कार होते हैं। ऐसे में गंदे पानी के बहाव से श्रद्धालुओं और परिजनों को भारी असुविधा हो रही है।
स्थानीय निवासी अनिल ने बताया कि घाट पर खुदाई के दौरान सीवर पाइप फट गया था, जिसकी शिकायत उन्होंने कई बार नगर निगम और संबंधित विभागों में की है, लेकिन आज तक कोई सुधार कार्य नहीं हुआ। उनका कहना है कि गंगा में सीधे सीवर का पानी बहना न केवल धार्मिक अपमान है बल्कि पर्यावरण के लिए भी खतरनाक है। उन्होंने प्रशासन से इस समस्या का तत्काल समाधान करने की मांग की।
वहीं, अभय सिंह नामक एक आगंतुक ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ अंतिम संस्कार के लिए हरिश्चंद्र घाट आए थे, लेकिन घाट पर गंदे पानी और दुर्गंध के कारण खड़ा होना भी मुश्किल था। उन्होंने कहा कि यह स्थिति बेहद शर्मनाक है, खासकर उस जगह के लिए जहां लोग अपने परिजनों की आत्मा की शांति के लिए आते हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार नगर निगम के कर्मचारियों ने भी इस समस्या की शिकायत उच्चाधिकारियों से की, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। हरिश्चंद्र घाट, जहां देश-विदेश से लोग गंगा स्नान और अंतिम संस्कार के लिए आते हैं, वहां इस तरह की अव्यवस्था प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है।
अब देखना यह होगा कि नगर निगम और गंगा सफाई मिशन के अधिकारी इस गंभीर समस्या को कितनी जल्दी सुलझाते हैं। लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द सुधार नहीं हुआ तो वे घाट पर धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।