आगरा: दवा कारोबारी हिमांशु अग्रवाल को मिली जमानत, कई महीनों से थे जेल में

आगरा के दवा कारोबारी हिमांशु अग्रवाल को तीन मामलों में जमानत मिली, वकीलों ने छापेमारी में जब्त रकम पर उठाए सवाल।

Fri, 12 Dec 2025 13:11:59 - By : Palak Yadav

आगरा के दवा कारोबारी हिमांशु अग्रवाल को उनके खिलाफ दर्ज तीन मामलों में जमानत मिल गई है। हिमांशु पिछले कई महीनों से जेल में बंद थे और अब अदालत से राहत मिलने के बाद पूरा मामला एक बार फिर चर्चा में आ गया है। हिमांशु के वकील जय नारायण शर्मा और जय शर्मा का कहना है कि घटना के समय उनके क्लाइंट के गोदाम में कुल 1 करोड़ 22 लाख रुपये मौजूद थे। इनमें से 1 करोड़ रुपये को रिश्वत की रकम के रूप में दिखा दिया गया, लेकिन बचे हुए 22 लाख रुपये का कहीं कोई उल्लेख नहीं है और न ही उसका कोई रिकॉर्ड प्रस्तुत किया गया है। वकीलों का कहना है कि अब जब उनके क्लाइंट को जमानत मिल चुकी है, वे पूरे 1 करोड़ 22 लाख रुपये का विस्तृत लेखा जोखा मांगेंगे और जांच एजेंसियों को इस पर जवाब देना होगा।

वकीलों का दावा है कि हिमांशु के खिलाफ दर्ज सभी मुकदमे निराधार थे और एंटी करप्शन की शुरुआती कार्रवाई के बाद बाकी मामलों को मजबूती देने के लिए दो अतिरिक्त मुकदमे दर्ज कराए गए। दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान वकीलों ने बताया कि उन्होंने हाईकोर्ट में किन तथ्यों के आधार पर हिमांशु का पक्ष रखा और अदालत ने किन बिंदुओं पर भरोसा जताते हुए जमानत प्रदान की। वकीलों ने कहा कि जब 22 अगस्त को ड्रग विभाग की कानपुर और बस्ती मंडल की संयुक्त टीम ने आगरा की दवा मार्केट में छापा मारा, तो जांच की पूरी प्रक्रिया में कई सवाल उठे। इस छापेमारी में STF की टीम भी शामिल थी और बंसल मेडिकल स्टोर तथा हे मां मेडिकल स्टोर के साथ उनके गोदामों की जांच की गई।

छापेमारी के दौरान हे मां मेडिकल एजेंसी से लगभग साढ़े तीन करोड़ की दवाएं मिलीं जिन्हें ट्रक में भरकर कोतवाली ले जाया गया। वहीं बंसल मेडिकल एजेंसी के गोदाम में दवाओं से भरी एक डीसीएम मिली। यह सामान रेलवे के माध्यम से आया था और चेन्नई की एक फर्म ने इसे लखनऊ के पते पर भेजा था, लेकिन माल आगरा में उतारा गया। टीम ने इसे संदिग्ध मानते हुए जब्त कर लिया। कुल मिलाकर दोनों फर्मों से 3.23 करोड़ रुपये की दवाएं बरामद की गईं।

इसी दौरान STF ने आरोप लगाया कि हिमांशु अग्रवाल ने मामले को रफा दफा करने के प्रयास में व्हाट्सऐप कॉल के जरिए एक करोड़ रुपये रिश्वत देने की पेशकश की थी। इसके बाद वह तीन बैग में 500 रुपये के नोट लेकर STF इंस्पेक्टर से मिलने पहुंचा था। यहीं से मामला आगे बढ़ा और हिमांशु को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। इस पूरी कार्रवाई के बाद उनके खिलाफ तीन मुकदमे दर्ज हुए। पहला मुकदमा एंटी करप्शन का था, जिसके बाद नकली दवा बेचने और धोखाधड़ी कर दवा मंगाने से संबंधित दो और केस दर्ज कराए गए।

वकीलों का कहना है कि जमानत के लिए उन्होंने अदालत में यह पक्ष रखा कि हिमांशु के खिलाफ रिश्वत देने की बात साबित नहीं होती, क्योंकि जिस नकद राशि को रिश्वत कहा गया वह हिमांशु के गोदाम में रखी गई थी और एक बड़े स्टॉकिस्ट के रूप में उनके पास इतनी राशि का होना असामान्य नहीं है। उन्होंने कोर्ट में बताया कि इस राशि का पूरा हिसाब CGST टीम को दिया जा चुका था। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि दूसरी केस में दर्ज शिकायत एक टेंपो चालक के बयान पर आधारित थी जबकि टेंपो न तो हिमांशु का था और न ही उसमें रखी दवाओं का उनसे कोई संबंध साबित हुआ।

तीसरे मामले में नकली दवा बेचने के आरोप पर वकीलों ने हाईकोर्ट में कहा कि केवल एक फोटो व्हाट्सऐप पर भेजे जाने के आधार पर किसी दवा को नकली नहीं कहा जा सकता। लैब रिपोर्ट में भी दवाओं को नकली साबित नहीं किया गया। इसी आधार पर हिमांशु को 11 नवंबर, 26 नवंबर और 8 दिसंबर को क्रमशः विभिन्न मामलों में जमानत मिली।

हाईकोर्ट में वकीलों ने एक बैलेंस शीट भी प्रस्तुत की, जिसमें 1 करोड़ 22 लाख रुपये का लेखा जोखा दर्ज है। अब वकीलों का कहना है कि वे 22 लाख रुपये के गायब होने का स्पष्ट उत्तर मांगेंगे और यह भी सुनिश्चित करेंगे कि इस पूरे मामले में किसी प्रकार की अनियमितता को छुपाया न जाए। हिमांशु 19 सितंबर से जेल में हैं और संभावना है कि वे कुछ दिनों में आगरा लौट आएंगे।

दिल्ली : हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, बिजली मौलिक अधिकार, किराएदार को नहीं कर सकते वंचित

लुधियाना में नशे के इंजेक्शन से युवक की दर्दनाक मौत, परिवार सदमे में

वाराणसी: बंद कमरे में आमने-सामने लटकते मिले पति-पत्नी के शव, मासूम बेटियों की उजड़ गई दुनियां

आगरा: दिल्ली हाईवे पर तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ने बाइक सवारों को मारी टक्कर, बाइक को दो किमी तक घसीटा

लोकसभा में मनरेगा के नाम और प्रावधानों में बदलाव को लेकर सियासी घमासान तेज