Sat, 06 Dec 2025 10:36:46 - By : Tanishka upadhyay
कानपुर: आईआईटी कानपुर के छात्रों के लिए इस वर्ष का प्लेसमेंट सीजन उत्साहजनक साबित हो रहा है। अमेरिकी टैरिफ और वीजा नियमों की सख्ती के कारण बहुराष्ट्रीय कंपनियां अब भारतीय कैंपसों में ही प्रतिभाशाली युवाओं को अवसर देने पर जोर दे रही हैं। इसका सीधा लाभ आईआईटी कानपुर के छात्रों को मिला है, जहां इस बार 27 प्रतिशत अधिक प्री प्लेसमेंट आफर दर्ज किए गए हैं। संस्थान की ओर से जारी शुरुआती रिपोर्ट इन संकेतों को बेहद सकारात्मक मान रही है।
आईआईटी कानपुर में प्लेसमेंट अभियान का पहला चरण 15 दिसंबर तक चलेगा। अभियान की शुरुआत एक दिसंबर से हुई थी और शुरुआती दौर में ही 672 नौकरी के प्रस्ताव सामने आए हैं। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में 16 प्रतिशत अधिक है, जो इस बात का संकेत है कि उद्योग जगत आईआईटी की प्रतिभा को लेकर स्पष्ट रूप से उत्साहित है।
प्री प्लेसमेंट आफर में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। इस वर्ष 253 पीपीओ जारी किए गए, जबकि पिछले साल यह संख्या 199 थी और 2023 24 में 216 थी। इस प्रकार बीते वर्ष की तुलना में 27 प्रतिशत अधिक पीपीओ प्राप्त हुए हैं। प्रशासन का कहना है कि यह संख्या आगे और बढ़ सकती है, क्योंकि अभियान अभी जारी है।
अंतरराष्ट्रीय प्रस्तावों की बात करें तो इस वर्ष कमी दर्ज की गई है। अब तक सिर्फ नौ छात्रों को अंतरराष्ट्रीय ऑफर मिले हैं, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 13 थी। विशेषज्ञ इसका मुख्य कारण अमेरिका के वीजा नियमों में बढ़ती सख्ती को मान रहे हैं। इसके बावजूद यह तथ्य महत्वपूर्ण है कि भारतीय कंपनियों ने उत्साहपूर्वक आईआईटी छात्रों को अवसर दिए हैं और मल्टीनेशनल कंपनियों का रुझान भी भारत आधारित नौकरियों की ओर बढ़ रहा है।
अभियान में एसेंचर, ब्लैक राक, एचएसबीसी, एसएपी, एयरबस और पीडब्ल्यूसी जैसी प्रतिष्ठित कंपनियां हिस्सा ले रही हैं। आईआईटी प्रशासन का मानना है कि वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बीच भी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण अवसर मिलना इस बात का प्रमाण है कि उद्योग जगत आईआईटी कानपुर की प्रतिभा और क्षमता पर पूरा भरोसा रखता है।
कुल मिलाकर, इस वर्ष का प्लेसमेंट सीजन आईआईटी कानपुर के छात्रों के लिए उत्साहवर्धक और उम्मीदों से भरा हुआ है। बदलते वैश्विक परिस्थितियों के बीच भारतीय कैंपस प्लेसमेंट का यह उभार देश में बढ़ते रोजगार के अवसरों और तकनीकी कौशल की बढ़ती मांग का स्पष्ट संकेत है।