Sat, 06 Dec 2025 10:37:57 - By : Palak Yadav
उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले में एक कक्षा एक की छात्रा से जुड़ा गंभीर मामला सामने आया है जिसने स्थानीय लोगों और प्रशासन को गहरी चिंता में डाल दिया है. नगर क्षेत्र के एक परिषदीय स्कूल में पढ़ने वाली यह बच्ची बुधवार की सुबह करीब 11 बजे अचानक रोते हुए घर पहुंची. बेटी की हालत देखकर परिजन घबरा गए और जब उनसे कारण पूछा तो बच्ची ने बताया कि स्कूल में किसी ने उसके साथ गलत काम किया है. हालांकि बच्ची आरोपी का नाम बताने में असमर्थ रही और केवल इशारों में यह बता सकी कि आरोपी उसी स्कूल का छात्र है.
बच्ची के पिता ने बताया कि वह रोज की तरह सुबह नौ बजे स्कूल गई थी. परिवार को उम्मीद थी कि वह सामान्य दिन की तरह दोपहर तक वापस आएगी. लेकिन केवल दो घंटे बाद ही उसकी डरी हुई और टूटी सी हालत देखकर पूरा परिवार सदमे में आ गया. बच्ची ने अपनी मां से जो कुछ कहा उसने घरवालों को तुरंत पुलिस की मदद लेने के लिए मजबूर कर दिया. पिता बच्ची को लेकर सीधे कोतवाली पहुंचे और स्कूल के ही एक छात्र पर गलत काम करने और छेडछाड का आरोप लगाते हुए तहरीर दी. परिवार का कहना है कि बच्ची अब भी घबराई हुई है और स्पष्ट रूप से आरोपी की पहचान नहीं कर पा रही.
पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए पूरी गंभीरता के साथ जांच शुरू कर दी है. तहरीर के आधार पर प्रथम दृष्टया पॉक्सो एक्ट के तहत अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. आरोपी बताए गए छात्र को पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया और प्रारंभिक पूछताछ के बाद उसे घर भेज दिया है. अधिकारियों का कहना है कि बच्ची की मेडिकल जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी.
बच्ची को सबसे पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां महिला चिकित्सक उपलब्ध न होने के कारण उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया. सीएचसी प्रभारी अमरनाथ यादव के अनुसार जांच के लिए आवश्यक सुविधाएं जिला अस्पताल में ही उपलब्ध हैं इसलिए बच्ची को वहां भेजा गया है. वहीं प्रभारी थानाध्यक्ष होरीलाल यादव ने बताया कि पुलिस हर पहलू पर जांच कर रही है और मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद कानूनी कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी.
घटना के बाद स्थानीय स्कूलों में सुरक्षा व्यवस्थाओं और बच्चों की निगरानी को लेकर फिर से सवाल उठने लगे हैं. परिवार और इलाके के लोगों की मांग है कि सत्य सामने आए और दोषी पर कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा सके.