काशी तमिल संगमम् के चौथे समूह ने किया काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन, भव्य स्वागत

काशी तमिल संगमम् के चौथे समूह ने काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन किया, जहां भव्य स्वागत और पारंपरिक रीति-रिवाजों से अभिनंदन हुआ।

Mon, 08 Dec 2025 14:43:33 - By : Palak Yadav

काशी तमिल संगमम् के चतुर्थ समूह ने सोमवार को काशी विश्वनाथ मंदिर में पहुंचकर दर्शन और पूजन किया। आगमन के साथ ही मंदिर परिसर में विशेष उत्साह का वातावरण दिखाई दिया। मंदिर प्रशासन ने पारंपरिक रीति से पुष्पवर्षा की और शास्त्रियों ने डमरू की ध्वनि तथा वेद मंत्रों के उच्चारण के साथ अतिथियों का स्वागत किया। उपस्थित तमिल अतिथियों ने हर हर महादेव और वणक्कम काशी के उद्घोष से अपनी श्रद्धा व्यक्त की और श्री विश्वेश्वर के चरणों में प्रणाम करते हुए अपने आध्यात्मिक अनुभव की शुरुआत की।

स्वागत समारोह के बाद मंदिर प्रशासन ने सभी सदस्यों को काशी विश्वनाथ धाम के भव्य कॉरिडोर का विस्तृत भ्रमण कराया। इस दौरान अतिथियों ने मंदिर के ऐतिहासिक स्वरूप, नवनिर्मित संरचनाओं, स्थापत्य कला और धाम के निरंतर विस्तार के बारे में जानकारी प्राप्त की। काशी विश्वनाथ धाम की आधुनिकता और परंपरा का संतुलित मेल अतिथियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। उन्होंने कहा कि यह धाम न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि भारतीय संस्कृति की गहराई और उसकी निरंतरता को भी दर्शाता है। धाम की भव्यता और आध्यात्मिक वातावरण ने सभी पर गहरा प्रभाव डाला।

भ्रमण के बाद समूह के लिए मंदिर द्वारा संचालित अन्नक्षेत्र में विशेष प्रसाद की व्यवस्था की गई। यहां परोसे गए भोजन ने अतिथियों को काशी की सेवा परंपरा और अतिथि सत्कार की भावना का प्रत्यक्ष अनुभव कराया। सभी सदस्यों ने प्रसाद ग्रहण किया और इस आयोजन को अपनी आध्यात्मिक यात्रा का एक महत्वपूर्ण क्षण बताया। काशी की संस्कृति, भोजन और सेवा भावना ने तमिल समूह पर गहरा प्रभाव छोड़ा।

काशी तमिल संगमम् का यह आयोजन काशी और तमिलनाडु के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों को और मजबूत बनाने का माध्यम बना है। दोनों समुदायों की परंपराएं और मान्यताएं भले ही स्थान के अनुसार भिन्न हों, लेकिन आस्था की एकता उन्हें एक सूत्र में बांधती है। मंदिर के शास्त्रियों ने इस अवसर पर कहा कि इस प्रकार के आयोजन न केवल धार्मिक अनुभव को समृद्ध करते हैं, बल्कि यह अलग अलग संस्कृतियों के बीच संवाद और समझ को भी बढ़ावा देते हैं। काशी और तमिल परंपराओं के सदियों पुराने संबंधों को आगे बढ़ाने में इस कार्यक्रम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

दर्शन, पूजन, भ्रमण और प्रसाद ग्रहण का यह अनुभव सभी अतिथियों के लिए अविस्मरणीय रहा। कार्यक्रम ने न केवल आध्यात्मिक आनंद दिया, बल्कि सांस्कृतिक आदान प्रदान का भी एक सुंदर संदेश दिया। काशी तमिल संगमम् के चतुर्थ समूह का यह आगमन दोनों समुदायों के बीच सांस्कृतिक सेतु को और दृढ़ करने वाला सिद्ध हुआ और इसने यह स्पष्ट किया कि आस्था और परंपरा मिलकर समाज में एकता और सद्भाव को और मजबूत कर सकती हैं।

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