Thu, 20 Nov 2025 11:55:42 - By : Tanishka upadhyay
लखनऊ में अखिल भारतीय सहकारिता सप्ताह 2025 के अवसर पर बुधवार को आयोजित एक महत्वपूर्ण गोष्ठी में सहकारिता क्षेत्र के विस्तार पर विस्तृत चर्चा की गई। कार्यक्रम का विषय था पर्यटन, स्वास्थ्य, हरित ऊर्जा, किचन और अन्य संभावित क्षेत्रों में सहकारिता का विस्तार। इस मौके पर आयुक्त एवं निबंधक सहकारिता योगेश कुमार ने सहकारी समितियों की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि प्रदेश में पर्यटन विकास के लिए अयोध्या, प्रयागराज, वाराणसी और चित्रकूट को एक पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकते हैं।
उन्होंने सुझाव दिया कि दक्षिण भारत में सफल हो रहे होम स्टे मॉडल को उत्तर प्रदेश में सहकारी समितियों के माध्यम से लागू किया जा सकता है। इससे न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, बल्कि प्रदेश के धार्मिक और सांस्कृतिक शहरों में पर्यटन को बढ़ावा भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियां इस मॉडल को अपनाकर पर्यटन के नए आयाम तैयार कर सकती हैं।
गोष्ठी का आयोजन कोआपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड, कृषक भारती कोआपरेटिव लिमिटेड और उत्तर प्रदेश सहकारी जूट एवं कृषि विकास सेवा के संयुक्त तत्वावधान में पीसीएफ सभागार में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव फेडरेशन के सभापति वाल्मीकि तिवारी ने की।
आयुक्त योगेश कुमार ने बताया कि सहकारी समितियां परिवहन, उर्वरक, महिला स्वयं सहायता समूहों, पेट्रोल पंप, ई रिचार्ज स्टेशन, मैरिज पैलेस और हरित ऊर्जा जैसे कई क्षेत्रों में अपना प्रभावी विस्तार कर सकती हैं। इसके लिए नई समितियों के गठन और पुरानी समितियों के पुनरोद्धार पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कंप्यूटर आपूर्ति, सोलर लाइट स्थापना और सहकारी संस्थाओं की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़ाने की योजनाओं पर भी चर्चा की गई।
जैफेड के सभापति चन्द्र कुमार मिश्र ने कहा कि सहकारिता न केवल संगठन की संरचना है, बल्कि यह जीवन जीने की एक पद्धति भी है। भारत को विश्वगुरु बनाने में सहकारिता की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो सकती है। कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने सहकारिता के ढांचे को मजबूत करने, नवाचार अपनाने और नए क्षेत्रों में सहकारिता मॉडल को लागू करने पर बल दिया।
कार्यक्रम में अपर आयुक्त एवं अपर निबंधक सहकारिता अनिल कुमार सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। गोष्ठी के माध्यम से सहकारिता क्षेत्र के विस्तार को लेकर नए मार्ग तलाशने और योजनाओं को लागू करने की दिशा में सार्थक प्रयास दिखाई दिए।