Fri, 11 Jul 2025 22:51:55 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को आयोजित एक प्रेस वार्ता में प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) राजीव कृष्ण ने कांवड़ यात्रा और अवैध धर्मांतरण जैसे संवेदनशील मुद्दों पर पत्रकारों से बेबाक बातचीत की। उन्होंने स्पष्ट किया कि धार्मिक यात्राओं के दौरान किसी भी प्रकार की सामाजिक या धार्मिक सौहार्द्र को प्रभावित करने वाली गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
डीजीपी राजीव कृष्ण ने कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान किसी भी ढाबा संचालक या व्यवसायी को अपनी असल पहचान छिपाने की अनुमति नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर अपनी पहचान छिपा कर किसी विशेष समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाता है, तो उसके विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। इस बाबत पुलिस प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष निगरानी की जा रही है।
ढाबों और भोजनालयों पर ओवर रेटिंग (कीमत से अधिक वसूली) की शिकायतों को लेकर भी पुलिस प्रशासन सक्रिय नजर आ रहा है। डीजीपी ने बताया कि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफएसडीए) के साथ समन्वय बनाकर ऐसे प्रतिष्ठानों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, जिससे कांवड़ यात्रियों को किसी प्रकार की आर्थिक शोषण या असुविधा का सामना न करना पड़े।
डीजीपी ने बताया कि यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित ढंग से संपन्न कराने के लिए राज्य पुलिस पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली और अन्य पड़ोसी राज्यों की पुलिस के साथ भी समन्वय स्थापित किया गया है, जिससे यात्रियों की आवाजाही सुचारु रूप से हो सके। इसके लिए इंटरस्टेट पुलिस समन्वय व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं, जिनमें यात्रा मार्ग की ताजातरीन स्थिति, भीड़ नियंत्रण, यातायात और किसी भी संभावित खतरे की रियल टाइम सूचना साझा की जा रही है।
उन्होंने यह भी बताया कि यात्रा मार्ग पर लगे सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन के जरिए निगरानी की जा रही है। मुख्यालय को नियमित रूप से वीडियो फुटेज और निगरानी रिपोर्ट प्राप्त हो रही है, जिससे सुरक्षा और यातायात प्रबंधन में काफी मदद मिल रही है। डीजीपी ने आश्वासन दिया कि सभी श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी और किसी भी प्रकार की अफवाहों या अफरा-तफरी की स्थिति से निपटने के लिए पुलिस बल पूरी तरह मुस्तैद है।
प्रेस वार्ता के दौरान बलरामपुर जिले में हाल ही में सामने आए अवैध धर्मांतरण रैकेट के खुलासे पर भी डीजीपी ने स्पष्ट रुख अपनाया। उन्होंने बताया कि एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड) की जांच में जुटाए गए ठोस सबूतों के आधार पर अदालत ने आरोपियों की कस्टडी रिमांड मंजूर की है। रिमांड के दौरान, एटीएस उन तमाम कड़ियों को जोड़ रही है जो अवैध धर्मांतरण की साजिश से संबंधित हैं।
डीजीपी ने कहा कि यह केवल एक isolated केस नहीं है, बल्कि एक सुनियोजित सिंडिकेट का हिस्सा प्रतीत होता है, जो आर्थिक लाभ और विदेशी फंडिंग के जरिए लोगों का जबरन या प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करवा रहा था। ऐसे नेटवर्क के खिलाफ पुलिस बेहद गंभीरता से कार्रवाई कर रही है और किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। जो भी लोग इस रैकेट के पीछे हैं, चाहे वे स्थानीय हों या अंतरराज्यीय, उनकी भूमिका की जांच की जा रही है और उन्हें जल्द ही कानून के कठघरे में लाया जाएगा।
डीजीपी राजीव कृष्ण के इन बयानों से साफ है कि उत्तर प्रदेश सरकार धार्मिक मामलों और सामाजिक सौहार्द्र को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही या कोताही को स्वीकार करने के मूड में नहीं है। पुलिस प्रशासन जहां एक ओर धार्मिक यात्राओं की गरिमा बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध दिख रहा है, वहीं दूसरी ओर समाज विरोधी गतिविधियों पर सख्ती से कार्रवाई करता नजर आ रहा है।