वाराणसी: सुंदरपुर हादसे में मासूम की मौत, विधायक ने परिजनों को बंधाया ढांढस

वाराणसी के सुंदरपुर में सड़क हादसे में मासूम की मौत के बाद विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने बच्चे को गोद में उठाकर परिजनों को ढांढस बंधाया, चक्का जाम हटवाया।

Wed, 17 Dec 2025 23:07:53 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

वाराणसी: सुंदरपुर क्षेत्र में हुए दर्दनाक सड़क हादसे की सूचना मिलते ही विधायक सौरभ श्रीवास्तव बिना विलंब घटनास्थल पर पहुंचे। मौके का दृश्य अत्यंत करुण था, दुर्घटना में मासूम बच्चे की मौत से परिजन बदहवास थे और आक्रोशित भीड़ सड़क पर जमा थी। इसी बीच विधायक ने मृत बच्चे को गोद में उठाया और सड़क पर ही बैठकर परिजनों को ढांढस बंधाया। यह दृश्य वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम कर गया। विधायक ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जब तक पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिल जाता, वह स्वयं मौके पर डटे रहेंगे।

हालांकि, विधायक ने संवेदनशीलता के साथ लोगों से चक्का जाम समाप्त करने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि जाम के कारण आम जनता को भारी परेशानी हो रही है, कई एंबुलेंस और स्कूल बसें रास्ते में फंसी हुई हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि प्रशासनिक कार्रवाई और न्याय की प्रक्रिया में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। विधायक की बातों और आश्वासन का असर दिखा और मृतक के परिजन व क्षेत्रवासी तुरंत चक्का जाम समाप्त करने पर सहमत हो गए।

घटनास्थल से ही विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने जिलाधिकारी से दूरभाष पर बातचीत की और संबंधित अधिकारियों को तत्काल मौके पर भेजने के निर्देश दिए। कुछ ही देर में एडीएम सिटी और एसीपी भेलूपुर घटनास्थल पर पहुंच गए और स्थिति का जायजा लिया। विधायक ने अधिकारियों के समक्ष सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि दिन के समय हाइड्रा जैसी भारी मशीन से कार्य कराना पूरी तरह अनुचित है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर किसकी अनुमति से हाइड्रा दिन में सड़क पर कार्यरत थी और इसकी जांच होनी चाहिए।

विधायक ने यह भी मांग की कि चौराहे पर तैनात उन पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई होनी चाहिए, जिनकी लापरवाही के कारण हाइड्रा चालक को मौके से भागने का अवसर मिला। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसी घटनाओं में जिम्मेदारी तय करना जरूरी है, ताकि भविष्य में इस तरह की त्रासदी दोबारा न हो।

मृतक के परिजनों ने अपने परिवार के लिए मुआवजे की मांग रखी। इस पर विधायक ने तुरंत लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता से वार्ता की और हाइड्रा मालिक पर दबाव बनाते हुए कहा कि गरीब परिवार को न्यायोचित मुआवजा मिलना चाहिए। विधायक के हस्तक्षेप और सख्त रुख के चलते हाइड्रा मालिक से 15 लाख रुपये का मुआवजा तय कराया गया, जिसे मृतक के पिता इमरान के खाते में तत्काल स्थानांतरित कराया गया।

मुआवजा राशि खाते में प्राप्त होने के बाद परिजनों ने शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाने की तैयारी की। इस दौरान एक बार फिर मानवीय संवेदना का दृश्य सामने आया, जब विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने स्वयं बच्चे के शव को गोद में उठाकर वाहन तक पहुंचाया। यह क्षण न केवल पीड़ित परिवार के लिए बल्कि मौके पर मौजूद हर व्यक्ति के लिए भावनात्मक था।

सुंदरपुर की इस घटना ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा, भारी वाहनों के संचालन और प्रशासनिक जिम्मेदारियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं, विधायक की त्वरित मौजूदगी, संवेदनशीलता और निर्णायक कार्रवाई ने यह संदेश दिया कि संकट की घड़ी में जनप्रतिनिधि यदि चाहें तो पीड़ितों के लिए ढाल बन सकते हैं।

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