Sat, 22 Nov 2025 11:53:10 - By : Garima Mishra
पूर्वांचल में नशीले पदार्थों के अवैध कारोबार का बड़ा नेटवर्क उजागर हुआ है। वाराणसी, जौनपुर, भदोही और आसपास के जिलों में फैले इस रैकेट ने लाखों नहीं, बल्कि करोड़ों रुपये का कोडीनयुक्त कफ सीरप और प्रतिबंधित दवाओं का अवैध कारोबार किया। जांच में पता चला है कि लंबे समय से कई लोग इस धंधे से जुड़कर माल कमाकर करोड़पति बन चुके हैं। कई आरोपित फरार हैं, जबकि कई जांच शुरू होने से पहले ही अंडरग्राउंड हो गए। मामला राजनीतिक रूप से गर्माने के बाद पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है, लेकिन इस पूरे नेटवर्क की बड़ी मछलियां अब भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं।
भदोही जिले में कोडीनयुक्त कफ सीरप और कैप्सूल की बिक्री के आरोप में महेंद्र मेडिकल एजेंसी पर मुकदमा दर्ज किया गया है। ड्रग इंस्पेक्टर कुमार सौमित्र की जांच में पाया गया कि बायोहब कोविड नाम की 8640 शीशियां और प्यूराक्सिविन स्पास के 72480 कैप्सूल बिना किसी पर्चे और रिकार्ड के बेचे गए। मेडिकल एजेंसी संचालक संजीव गुप्ता पर मामला दर्ज कर लाइसेंस निरस्त करने की संस्तुति की गई है। अमवाकला, तिउरी और चौरी क्षेत्र के तीन अन्य मेडिकल स्टोर भी जांच से पहले बंद मिले, जहां भी कोडीनयुक्त दवा की बिक्री की पुष्टि हुई है। इन सभी पर क्रय विक्रय पर रोक लगाने का नोटिस चस्पा कर दिया गया।
जांच के दौरान यह भी खुलासा हुआ कि कानपुर के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित एक फर्म ने जून 2024 से जुलाई 2025 के बीच महेंद्र मेडिकल एजेंसी को 25 इनवाइस में 302 बॉक्स कोडीनयुक्त कफ सीरप और प्यूरोक्सविन कैप्सूल बेचे। इससे संकेत मिलता है कि यह अवैध कारोबार काफी बड़े स्तर पर चल रहा था।
जौनपुर में 42 करोड़ रुपये से अधिक कीमत वाली कोडीनयुक्त कफ सीरप की तस्करी सामने आई है। इस मामले में वाराणसी निवासी शुभम जायसवाल और उसके पिता भोला जायसवाल को मास्टर माइंड बताया गया है। भोला जायसवाल के नाम पर रांची स्थित शैली ट्रेडर्स फर्म से जौनपुर के 12 थोक व्यवसायियों के नाम पर लाखों शीशियां बिल में दिखाई गईं, लेकिन वास्तविक रूप से यह माल बिहार, झारखंड, बंगाल और बांग्लादेश तक तस्करी किया गया। गुरुवार को 12 फर्म संचालकों के खिलाफ तहरीर देने के बाद शुक्रवार को सप्लायर पिता पुत्र को भी आरोपित बना दिया गया।
पूरे मामले में शैली ट्रेडर्स रांची, पूर्वांचल एसोसिएट जौनपुर, गुप्ता ट्रेडिंग सुजानगंज, मिलन ड्रग्स, स्टार इंटर प्राइजेज, श्री मेडिकल एजेंसी और कई अन्य फर्मों पर मुकदमे दर्ज किए गए हैं। पुलिस अब पूरे नेटवर्क को खंगाल रही है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अलग अलग जिलों में दबिश दी जा रही है।
इस बड़े खुलासे ने पूर्वांचल में अवैध दवा कारोबार की जड़ें कितनी गहरी हैं, यह स्पष्ट कर दिया है। पुलिस और औषधि विभाग की टीमों ने कहा कि जांच आगे और व्यापक की जाएगी, क्योंकि कई लिंक अभी भी सामने आने बाकी हैं।