Wed, 03 Dec 2025 16:30:18 - By : Tanishka upadhyay
इटावा में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव प्रो रामगोपाल यादव ने एसआईआर प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए और केंद्र सरकार की नीयत पर गहरी आपत्ति दर्ज की। बुधवार को जिला पंचायत सभागार में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली में सत्ता में बैठे लोगों की नीयत ठीक नहीं है। उनके अनुसार एसआईआर का सहारा लेकर ऐसे निर्णय लिए जा रहे हैं जो लोकतांत्रिक व्यवस्था और मतदाता अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं।
रामगोपाल यादव ने कहा कि 1952 से अब तक हर चुनाव से पहले मतदाता सूची का पुनरीक्षण होता रहा है, लेकिन कभी एसआईआर की जरूरत महसूस नहीं हुई। ऐसे में अचानक इस प्रक्रिया को लागू करना कई सवाल खड़े करता है। उन्होंने बिहार का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां भी एसआईआर कराया गया था, लेकिन एक भी घुसपैठिया नहीं मिला। इसके बावजूद सत्ता पक्ष अब भी इसी मुद्दे को हवा देकर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहा है।
उन्होंने आशंका जताई कि एसआईआर के बाद बड़ी संख्या में ऐसे लोग होंगे जिनके मतदाता पहचान पत्र नहीं बन पाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसे लोगों को धार्मिक आधार पर बांटकर गलत देश का नागरिक बताया जा सकता है। आरोप लगाते हुए कहा कि अगर कोई हिंदू होगा तो उसे नेपाल का, और यदि मुसलमान होगा तो उसे बंगलादेश या पाकिस्तान का बताया जा सकता है। इससे मतदाता सूची से लोगों को बाहर करने का खतरा बढ़ जाता है।
प्रो रामगोपाल यादव ने जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र के एसआईआर प्रभारियों के साथ बैठक भी की और आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मताधिकार को प्रभावित करने वाली किसी भी प्रक्रिया की निष्पक्ष और गहराई से जांच होनी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके। उन्होंने इस मामले को गलत दिशा में ले जाए जाने की आशंका भी जताई और जनता से अपील की कि अपने दस्तावेज सही रखें और किसी भी अनियमितता की तुरंत सूचना दें।