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चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की बड़ी लापरवाही, छात्र जुनैद को मिली दो LLB डिग्रियां

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की बड़ी लापरवाही, छात्र जुनैद को मिली दो LLB डिग्रियां

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने एक छात्र को दो एलएलबी डिग्रियां भेजीं, जिससे वह हैरान है; इसे गंभीर त्रुटि माना जा रहा है।

मेरठ में एलएलबी के छात्र जुनैद अख्तर एक ऐसी उलझन में हैं, जिसकी कल्पना उन्होंने खुद भी नहीं की थी। मुरादनगर निवासी जुनैद ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से 2022 में एलएलबी की पढ़ाई पूरी की थी। दो महीने पहले उन्हें कालेज से वह डिग्री मिली, जिसका उन्हें लंबे समय से इंतजार था। सब कुछ सामान्य था, लेकिन कुछ दिन पहले उनके घर पर एक और एलएलबी डिग्री पहुंची। यह देखकर वह हैरान रह गए, क्योंकि दूसरी डिग्री भी उसी तिथि 15 दिसंबर 2022 को जारी हुई थी, लेकिन दोनों के सीरियल नंबर अलग थे।

जुनैद के सामने अब यह सवाल है कि असली डिग्री कौन सी है। उन्हें डर है कि भविष्य में अगर वेरीफिकेशन कराया गया और सीरियल नंबर मेल नहीं खाया, तो किसी एक को फर्जी माना जा सकता है। इसी गंभीर समस्या को लेकर उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से समाधान की मांग की है।

विश्वविद्यालय की ओर से इसे एक गंभीर और चिंताजनक त्रुटि माना जा रहा है। विशेष रूप से इसलिए क्योंकि हाल के वर्षों में विश्वविद्यालय ने नैक मूल्यांकन और रैंकिंग में बड़ी प्रगति की है। इसके बावजूद डिग्री और मार्कशीट सेक्शन में लगातार लापरवाही देखने को मिल रही है।

मंगलवार को कई छात्र कुलसचिव डा. अनिल कुमार यादव से मिले। उन्होंने बताया कि गलत पते पर डिग्री भेजने, दूसरे छात्र के नाम की डिग्री लिफाफे में मिलने और कई छात्रों की मूल डिग्री विश्वविद्यालय या कालेज में उपलब्ध न होने जैसी शिकायतें सामने आई हैं। छात्रों ने संबंधित वीडियो और दस्तावेज भी दिखाए।

कुछ छात्रों की शिकायत थी कि उनका मामला आइजीआरएस पर डालने के बाद विश्वविद्यालय की ओर से गलत जवाब लगा दिया गया। कई छात्रों ने गोपनीय विभाग में अतिरिक्त वसूली और धांधली के आरोप भी लगाए, जिसके बाद उन्होंने सभी मामलों की जांच उच्च स्तरीय समिति से कराने की मांग की।

कुलसचिव डा. अनिल कुमार यादव ने कहा कि दो डिग्री जारी होना गंभीर लापरवाही है और इस पर जांच शुरू की जाएगी। प्राथमिक जानकारी के अनुसार, छात्र ने पहले कालेज से डिग्री मांगी थी। कालेज से डिग्री मिलने के बावजूद उसने विश्वविद्यालय में दिया गया आवेदन वापस नहीं लिया, जिसके चलते दोनों संस्थानों की प्रक्रिया अलग-अलग चलती रही और दो अलग सीरियल नंबर वाली डिग्रियां जारी हो गईं। उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि कालेज से डिग्री मिलते ही विश्वविद्यालय का आवेदन रद्द कराकर रिफंड ले लें ताकि ऐसी स्थिति न बने।

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