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योगी सरकार की सौर ऊर्जा नीति से यूपी की अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव, 1003.64 मेगावाट क्षमता

योगी सरकार की सौर ऊर्जा नीति से यूपी की अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव, 1003.64 मेगावाट क्षमता

योगी सरकार की सौर ऊर्जा नीति से यूपी की अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव आया है, बिजली बिलों में बचत व आय में वृद्धि हुई है।

उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लागू की गई नीति अब ग्रामीण और शहरी अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण परिवर्तन का आधार बन चुकी है। प्रदेश की कुल सौर ऊर्जा क्षमता 1003.64 मेगावाट तक पहुंच चुकी है, जो ऊर्जा बचत के साथ साथ आर्थिक मजबूती की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे व्यवसायों ने बताया है कि बिजली कटौती कम होने से उनकी आय में 10 से 15 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं सौर ऊर्जा के कारण बिजली बिलों में 40 से 60 प्रतिशत तक की बचत हो रही है, जिससे उपभोक्ता और उद्योग दोनों लाभान्वित हो रहे हैं।

योगी सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि विकसित यूपी 2047 विजन के तहत आने वाले वर्षों में प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों को सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। विशेषज्ञों के अनुसार सौर ऊर्जा की इतनी बड़ी क्षमता न केवल आर्थिक बचत प्रदान करेगी, बल्कि आने वाले समय में यह प्रदेश को ऊर्जा आत्मनिर्भरता के मार्ग पर भी आगे बढ़ाएगी। जैसे जैसे सौर ऊर्जा का उपयोग बढ़ेगा वैसे वैसे पारंपरिक बिजली पर निर्भरता कम होगी और इससे बिजली की खपत पर होने वाला दबाव काफी हद तक कम होगा।

सौर ऊर्जा के विस्तार ने रोजगार के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। अब तक लगभग 50 हजार युवाओं को इंस्टॉलेशन, तकनीकी सेवाओं और मेंटेनेंस से जुड़ी नौकरियों में प्रत्यक्ष रोजगार मिला है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ये नौकरियां शहरों के साथ साथ गांवों और कस्बों तक पहुंच रही हैं, जिससे स्थानीय स्तर पर आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है और पलायन में कमी आई है। ऊर्जा के इस नए ढांचे ने गांवों में छोटे औद्योगिक इकाइयों को भी नई दिशा दी है। पहले जहां लोड शेडिंग के कारण मिल, प्रोसेसिंग यूनिट और वेल्डिंग जैसे काम प्रभावित होते थे, वहीं अब अधिक स्थिर बिजली आपूर्ति के कारण उनकी आय में सुधार देखने को मिला है।

प्रदेश के 2.90 लाख घरों में सोलर रूफटॉप संयंत्र लगाए जा चुके हैं और इस पर सरकार की ओर से 2600 करोड़ रुपये से अधिक का अनुदान दिया गया है। यह निवेश प्रदेश की स्वच्छ ऊर्जा क्षमताओं को भविष्य के लिए मजबूत बना रहा है। सरकार का मानना है कि आने वाले वर्षों में सौर ऊर्जा आर्थिक रीढ़ का काम करेगी और उत्तर प्रदेश को ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में अग्रणी राज्यों में शामिल करेगी।

सौर ऊर्जा पर आधारित यह बदलाव अब केवल विचार तक सीमित नहीं है। यह गांवों और शहरों के लोगों की रोजमर्रा की जीवनशैली में भी नजर आने लगा है। बिजली बचत, स्थिर आपूर्ति, बढ़ती आय और रोजगार के नए अवसर यह साबित करते हैं कि योगी सरकार की सौर ऊर्जा नीति प्रदेश को नई दिशा दे रही है और इसे भविष्य की ऊर्जा राजधानी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

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