Sat, 22 Nov 2025 11:23:49 - By : Shriti Chatterjee
अयोध्या में राम मंदिर पर 25 नवंबर को ध्वजारोहण के बाद अगले दिन से रामलला के दर्शन शुरू हो जाएंगे। मंदिर प्रशासन ने बताया है कि 26 नवंबर को मंगला आरती के बाद से भक्त रामलला का दर्शन कर सकेंगे। इस अवसर पर देश भर से श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में आने की संभावना है, इसलिए श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट और जिला प्रशासन मिलकर व्यवस्थाओं को मजबूत कर रहे हैं। दर्शन को सुचारु और शांतिपूर्ण रखने के लिए भीड़ नियंत्रण से लेकर प्रवेश मार्ग, सुरक्षा व्यवस्था और कतार प्रबंधन तक की तैयारी की जा रही है।
मुख्य शिखर पर ध्वजारोहण कार्यक्रम के तुरंत बाद बड़ी संख्या में भक्तों के पहुंचने की संभावना को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने विस्तृत योजना तैयार की है। इस योजना को पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अवगत कराया गया और अब इसे जमीन पर लागू करने का काम तेज कर दिया गया है। ट्रस्ट का कहना है कि इस बार भीड़ पहले की तुलना में ज्यादा होगी, इसलिए प्रवेश और निकास मार्गों को व्यवस्थित करने के साथ साथ सुरक्षा कड़ी की जा रही है।
ट्रस्ट के अनुसार 25 नवंबर के दिन आम भक्तों को रामलला के दर्शन नहीं होंगे क्योंकि यह दिन केवल ध्वजारोहण कार्यक्रम के लिए निर्धारित है। इसके अगले दिन सुबह ही दर्शन की व्यवस्था की जाएगी। अब तक रामलला का दैनिक दर्शन श्रृंगार आरती के बाद सुबह लगभग छह बजे शुरू होता है। लेकिन इस विशेष अवसर पर यह समय बदल दिया गया है। ध्वजारोहण के अगले दिन यानी 26 नवंबर को भोर में लगभग चार बजे ही मंगला आरती के तुरंत बाद दर्शन शुरू कर दिया जाएगा। ट्रस्टी डॉ. अनिल कुमार मिश्र ने कहा कि यह फैसला उन भक्तों के लिए लिया गया है जो समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगे और जिन्हें आमंत्रण नहीं मिला है।
ट्रस्ट का अनुमान है कि ध्वजारोहण के बाद अगले दिनों में मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़ लगातार बढ़ेगी। इसी को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल, स्वयंसेवक और मार्गदर्शक तैनात किए जाएंगे। स्वास्थ्य सेवाओं और आपातकालीन सहायता की व्यवस्था भी की जा रही है ताकि दर्शन के दौरान किसी भी तरह की असुविधा न हो। मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में साफ सफाई, प्रकाश व्यवस्था और प्राथमिक सेवा केंद्रों को मजबूत किया जा रहा है।
ध्वजारोहण कार्यक्रम और इसके बाद होने वाली भक्ति व्यवस्था को लेकर ट्रस्ट और प्रशासन के बीच समन्वय लगातार जारी है। लक्ष्य यह है कि भक्तों को सुरक्षित और सहज वातावरण में दर्शन कराया जा सके और किसी भी प्रकार की भीड़भाड़ या अव्यवस्था न हो। आने वाले दिनों में ट्रस्ट द्वारा अंतिम दिशा निर्देश भी जारी किए जाएंगे ताकि श्रद्धालु समय और मार्ग की जानकारी समय से प्राप्त कर सकें।