Thu, 02 Oct 2025 12:17:51 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
संभल: अवैध निर्माण के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए प्रशासन ने असमोली थानाक्षेत्र के एक गांव में बड़े स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी है। कई एकड़ भूमि पर लंबे समय से खड़े अवैध निर्माण को गिराने का अभियान गुरुवार को प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने शुरू किया। बताया जा रहा है कि इस भूमि पर मदरसा और बरात घर का संचालन किया जा रहा था, जबकि राजस्व अभिलेखों में यह जमीन तालाब के लिए चिन्हित है।
स्थानीय प्रशासन ने इस निर्माण को हटाने के लिए पहले संबंधित पक्ष को नोटिस जारी कर 30 दिन का समय दिया था। निर्धारित अवधि समाप्त होने के बाद भी जब अवैध कब्जा और निर्माण को नहीं हटाया गया, तो अधिकारियों ने स्वयं कार्रवाई का निर्णय लिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पूरे गांव में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। एहतियात के तौर पर आसपास का इलाका छावनी में तब्दील कर दिया गया है, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति न उत्पन्न हो।
कार्रवाई पर पैनी नजर रख रहे अधिकारी
जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के शीर्ष अधिकारी स्वयं मौके पर मौजूद हैं। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में पूरी कार्रवाई हो रही है। संभावित विरोध की आशंका को देखते हुए अतिरिक्त फोर्स मंगाई गई है। इसके अलावा ड्रोन कैमरों के माध्यम से भी क्षेत्र की निगरानी की जा रही है, जिससे हर गतिविधि पर नज़र रखी जा सके। प्रशासन का साफ कहना है कि कानून व्यवस्था के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा और अवैध निर्माण को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
तनावपूर्ण माहौल से बचने के लिए एहतियाती कदम
गांव के लोगों को एहतियातन घरों से बाहर न निकलने की हिदायत दी गई है। प्रशासन ने साफ किया है कि यह कार्रवाई केवल अवैध कब्जे और निर्माण को हटाने तक सीमित है। आम नागरिकों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए अधिकारियों ने विशेष सतर्कता बरती है। पूरे क्षेत्र में जगह-जगह पुलिस बल की तैनाती और निगरानी बढ़ा दी गई है।
अवैध कब्जों के खिलाफ सख्त रुख
एसपी के.के. बिश्नोई ने स्पष्ट किया कि जिस भूमि पर निर्माण कराया गया है, वह तालाब के लिए चिन्हित है और सार्वजनिक हित में उसे हर हाल में मुक्त कराना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस तरह के अवैध कब्जे न केवल कानून का उल्लंघन हैं, बल्कि पर्यावरण और गांव की संरचना के लिए भी नुकसानदेह साबित होते हैं। प्रशासन की ओर से साफ संदेश दिया गया है कि चाहे किसी का भी प्रभाव क्यों न हो, सरकारी भूमि पर कब्जे को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ा जाएगा।
संभल में चल रही इस कार्रवाई ने पूरे जिले में चर्चा का माहौल बना दिया है। स्थानीय लोग इसे प्रशासन की बड़ी और साहसिक पहल मान रहे हैं। फिलहाल सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि आने वाले दिनों में प्रशासन इस तरह की और कितनी बड़ी कार्रवाइयां करता है।