Wed, 29 Oct 2025 13:20:40 - By : Shriti Chatterjee
वाराणसी के टीसोरा गांव स्थित हनुमान मंदिर में हर मंगलवार और शनिवार को श्रद्धा और भक्ति का अनोखा संगम देखने को मिलता है। ग्रामीणों की पहल पर यहां नियमित रूप से सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है, जो पूरे क्षेत्र में धार्मिक वातावरण का सृजन करता है। इस आयोजन में हर आयु वर्ग के लोग उत्साहपूर्वक भाग लेते हैं और सामूहिक रूप से भक्ति भाव से प्रभु श्री हनुमान की आराधना करते हैं।
गांव के निवासी बताते हैं कि यह परंपरा पिछले कई वर्षों से चल रही है और अब यह टीसोरा की पहचान बन चुकी है। ग्रामीण हर मंगलवार और शनिवार को एकत्र होकर मंदिर में दीप प्रज्वलित करते हैं, उसके बाद सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ किया जाता है। कार्यक्रम के दौरान लाउडस्पीकर के माध्यम से पूरे गांव में भक्ति गीत और पाठ की ध्वनि गूंजती रहती है, जिससे वातावरण भक्तिमय हो उठता है।
मंगलवार की सुबह विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है, जब महिलाएं और बच्चे भी मंदिर पहुंचकर आरती और प्रसाद वितरण में सहयोग करते हैं। ग्रामीण नारायण, मुकेश, राधे, बीरबल, करण, दीपक और अजय इस आयोजन को नियमित रूप से संपन्न कराने में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। उनका कहना है कि इस सामूहिक पाठ से गांव में आपसी एकता और धार्मिक चेतना को बल मिला है।
ग्रामीणों के अनुसार, इस आयोजन का उद्देश्य केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है बल्कि यह समाज में सद्भाव, भक्ति और एकजुटता का संदेश देने का माध्यम भी बन गया है। बच्चों को भी यहां भक्ति और संस्कार की शिक्षा दी जाती है ताकि वे आने वाली पीढ़ियों में इस परंपरा को आगे बढ़ा सकें।
हनुमान मंदिर परिसर में हर आयोजन के बाद प्रसाद वितरण होता है और भक्तजन एक-दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं। टीसोरा गांव के लोग इस आयोजन को अपनी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान मानते हैं।