Tue, 30 Sep 2025 21:35:20 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
लखनऊ: उत्तर प्रदेश एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए देशविरोधी साजिश रचने वाले गैंग के मास्टरमाइंड मोहम्मद रजा को केरल के मल्लपुरम से गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले सोमवार को कानपुर, रामपुर, सोनभद्र और सुल्तानपुर से चार आरोपियों को दबोचा गया था। जांच एजेंसी का कहना है कि यह पूरा गिरोह प्रदेश में "मुजाहिद आर्मी" खड़ी करने की कोशिश कर रहा था और इसके पीछे मुख्य भूमिका मोहम्मद रजा की थी।
एटीएस के अनुसार, पांचों आरोपी अपने-अपने जिलों में दंगे भड़काने और सांप्रदायिक तनाव फैलाने की योजनाओं पर काम कर रहे थे। शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी पाकिस्तान से संचालित कट्टरपंथी संगठनों से प्रभावित थे। उनका उद्देश्य देश में जिहादी गतिविधियों को अंजाम देकर हथियारों के बल पर शरिया कानून लागू करना था। इनकी साजिश में गैर मुस्लिम धार्मिक गुरुओं, विशेषकर हिंदू धर्म के प्रमुख संतों को निशाना बनाकर टारगेट किलिंग करना भी शामिल था। एटीएस अब इस दिशा में जांच कर रही है कि आखिर किन धार्मिक नेताओं पर इनकी निगाह थी।
सोशल मीडिया से जोड़ रहे थे नेटवर्क
पकड़े गए आरोपियों के बारे में एटीएस का कहना है कि वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई गुप्त ग्रुप बनाकर एक-दूसरे से जुड़े हुए थे। पूछताछ में सामने आया कि ये लोग समय-समय पर अलग-अलग जिलों में मीटिंग करते थे और वहां बैठकर अपनी योजनाओं को आगे बढ़ाते थे। इन्हीं ग्रुप्स के माध्यम से ऑडियो चैट और वीडियो मैसेज भेजकर युवाओं को उकसाने का काम भी हो रहा था। यही नहीं, आतंकी गतिविधियों के लिए हथियार और अन्य संसाधन जुटाने के लिए आरोपी फंडिंग की अपील भी करते थे।
एटीएस के डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि कानपुर के सुजातगंज से मोहम्मद तौसीफ, सुल्तानपुर से अकमल रजा, सोनभद्र से सफील सलमानी उर्फ अली रजवी और रामपुर से कासिम अली को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इन चारों को एटीएस थाना लखनऊ में एफआईआर दर्ज कर जेल भेजा गया है, जबकि मास्टरमाइंड मोहम्मद रजा को ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया जा रहा है।
धार्मिक प्रमुखों पर हमले की योजना
जांच के दौरान एक बेहद गंभीर खुलासा हुआ है कि गिरोह भविष्य में कुछ गैर मुस्लिम धार्मिक नेताओं को निशाना बनाने की ठोस योजना बना रहा था। इस योजना का उद्देश्य समाज में भय और असुरक्षा का माहौल पैदा करना था। एटीएस इस बात की गहराई से जांच कर रही है कि किन-किन धार्मिक गुरुओं के नाम इनकी हिट लिस्ट में शामिल थे।
कट्टरपंथी सोच और जिहादी साहित्य
पूछताछ में गिरफ्तार आरोपियों ने यह भी स्वीकार किया है कि वे कट्टरपंथी विचारधारा से प्रभावित होकर जिहादी किताबें इकट्ठा करते थे और उनका प्रचार भी कर रहे थे। इन किताबों के जरिए वे लोगों को शरिया कानून लागू करने और ‘जंग-ए-जिहाद’ के लिए तैयार करने का प्रयास कर रहे थे। कई युवाओं को निशाना बनाकर उन्हें इस विचारधारा की ओर आकर्षित करने की भी कोशिश की जा रही थी।
मोहम्मद रजा की भूमिका
मोहम्मद रजा मूल रूप से उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के अंडौली गांव का रहने वाला है। फिलहाल वह केरल के मल्लपुरम में रह रहा था और वहीं से गिरोह को संचालित कर रहा था। एटीएस की जांच में सामने आया है कि गिरोह द्वारा जुटाई गई फंडिंग इसी के बैंक खाते में जमा होती थी। रजा ही अपने नेटवर्क के जरिए टारगेट किलिंग और अन्य आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की तैयारी कर रहा था।
एटीएस अधिकारियों ने पुष्टि की है कि मोहम्मद रजा को लखनऊ लाकर विशेष न्यायालय में पेश किया जाएगा। वहीं, आगे की जांच में उसके नेटवर्क, सहयोगियों और फंडिंग के स्रोतों को खंगालने पर जोर दिया जा रहा है। इस गिरफ्तारी को राज्य में आतंकी गतिविधियों की जड़ों को खत्म करने की दिशा में बड़ी कामयाबी माना जा रहा है।