Wed, 03 Dec 2025 15:57:54 - By : Tanishka upadhyay
उत्तर प्रदेश में औद्योगिक निवेश को तेज रफ्तार देने की तैयारी शुरू हो गई है। लंबे समय से अटके 100 से अधिक निवेश प्रस्तावों को जल्द ही लेटर आफ कंफर्ट यानी एलओसी जारी किए जाएंगे। यह सभी आवेदन करीब दो वर्षों से लंबित हैं। इन्वेस्ट यूपी ने औद्योगिक विकास विभाग को पत्र भेजकर आग्रह किया है कि इन्हें जल्द निपटाया जाए, ताकि आगामी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी जीबीसी 5 में इन प्रस्तावों को शामिल किया जा सके।
राज्य की औद्योगिक निवेश और रोजगार प्रोत्साहन नीति 2022 के तहत इन्वेस्ट यूपी को पिछले दो सालों में कुल 6.77 लाख करोड़ रुपये के निवेश के 179 आवेदन मिले हैं। इनमें से अभी तक 73 प्रस्तावों को ही एलओसी मिल पाई है। 34 निवेशक अपनी इकाइयों का निर्माण पूरा कर चुके हैं, 27 परियोजनाएं निर्माण प्रक्रिया में हैं और 12 इकाइयों में उत्पादन शुरू हो चुका है। इसके बावजूद 106 निवेश आवेदन अभी भी लंबित पड़े हैं।
हाल ही में हुई समीक्षा बैठक में इन लंबित मामलों की पूरी जानकारी उजागर हुई। इन्वेस्ट यूपी ने विभाग को स्पष्ट किया है कि एलओसी जारी करने की गति बढ़ाई जाए, ताकि निवेश परियोजनाओं में विलंब न हो। वर्तमान में विभाग हर महीने करीब 10 एलओसी जारी कर रहा है। इस रफ्तार के चलते लंबित 106 मामलों को पूरा करने में लगभग 10 महीने लग सकते हैं, जो जीबीसी 5 की समय सीमा के अनुरूप नहीं है।
इन्वेस्ट यूपी का लक्ष्य अब केवल पांच लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारना ही नहीं बल्कि इसे बढ़ाकर छह लाख करोड़ रुपये तक ले जाना है। इसके लिए सभी जिलों के जिलाधिकारियों से उपलब्ध औद्योगिक भूमि की विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। अगले सप्ताह तक रिपोर्ट आने के बाद उस आधार पर एलओसी जारी करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
राज्य सरकार का मानना है कि लंबित निवेश प्रस्तावों को समय पर मंजूरी मिलने से औद्योगिक विकास को गति मिलेगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश देश के सबसे बड़े निवेश केंद्रों में अपनी जगह और मजबूत करेगा।