वाराणसी में कफ सीरप तस्करी पर बड़ी कार्रवाई, 7 और दवा फर्मों के लाइसेंस रद्द

वाराणसी में कफ सीरप तस्करी मामले में औषधि विभाग ने 7 और दवा फर्मों के लाइसेंस रद्द किए, अब तक कुल 19 लाइसेंस निरस्त।

Mon, 22 Dec 2025 12:17:15 - By : Palak Yadav

वाराणसी में कफ सीरप तस्करी प्रकरण को लेकर औषधि विभाग और पुलिस की कार्रवाई लगातार तेज होती जा रही है। अनियमितताओं और निर्धारित मानकों के उल्लंघन के आरोपों के आधार पर दवा विभाग ने सात और दवा फर्मों के लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं। इससे पहले इसी मामले में 12 दवा फर्मों के लाइसेंस रद्द किए जा चुके हैं। इस तरह अब तक कुल 19 दवा कारोबारियों के लाइसेंस निरस्त हो चुके हैं जबकि शेष फर्मों की जांच प्रक्रिया अभी जारी है। औषधि विभाग का कहना है कि सभी मामलों में नियमों के अनुसार जांच की जा रही है और जहां भी गंभीर खामियां पाई जा रही हैं वहां सख्त कार्रवाई की जा रही है।

कफ सीरप तस्करी से जुड़ा यह मामला करीब दो हजार करोड़ रुपये के अवैध कारोबार से जुड़ा बताया जा रहा है। इस मामले में कोतवाली पुलिस ने 19 नवंबर को 26 दवा फर्मों के साथ शुभम जायसवाल और उसके पिता भोलानाथ प्रसाद के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इसके बाद पुलिस की विशेष जांच टीम ने तस्करी नेटवर्क की परत दर परत जांच शुरू की। जांच के दौरान 12 और दवा कारोबारी भी आरोपित बनाए गए हैं जिनकी भूमिका संदिग्ध पाई गई है। पुलिस और औषधि विभाग दोनों ही स्तर पर दस्तावेजों लेनदेन और सप्लाई चेन की बारीकी से जांच की जा रही है।

औषधि विभाग के अनुसार कुल 38 दवा कारोबारियों के लाइसेंस की जांच की जा रही है। 33 दिनों की जांच अवधि में करीब पचास प्रतिशत आरोपितों के दवा लाइसेंस निरस्त किए जा चुके हैं। औषधि विभाग के सहायक आयुक्त पीसी रस्तोगी ने बताया कि शेष 19 कारोबारियों की जांच भी अंतिम चरण में है और जल्द ही उस पर निर्णय लिया जाएगा। विभाग का स्पष्ट कहना है कि जनस्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा।

इसी क्रम में मीरजापुर में कोडीनयुक्त कफ सीरप के एक अन्य मामले में पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है। वांछित तीन आरोपितों में से दो अजीत यादव और अक्षत यादव को रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है। प्रभारी निरीक्षक अजय कुमार सेठ के अनुसार औषधि निरीक्षक संतोष पटेल की तहरीर पर चार दिसंबर को मामला दर्ज किया गया था। जांच में सामने आया कि एके डिस्ट्रीब्यूटर्स मौके पर सक्रिय नहीं था और ड्रग लाइसेंस में दर्ज आधार कार्ड का पता फर्जी निकला। वहीं निहाल डिस्ट्रीब्यूटर्स को रांची की शैली ट्रेडर्स से 23 हजार सीसी 100 एमएल कफ सीरप की आपूर्ति दिखाई गई थी लेकिन विवेचना में वह फर्म भी सक्रिय नहीं पाई गई।

कफ सीरप तस्करी के सरगना शुभम जायसवाल के पिता भोलानाथ प्रसाद से अब कमिश्नरेट पुलिस रिमांड पर पूछताछ की जाएगी। भोलानाथ से पहले सोनभद्र और जौनपुर की पुलिस पूछताछ कर चुकी है। अन्य जिलों की पुलिस भी पूछताछ की तैयारी में है ताकि पूरे नेटवर्क से जुड़े तथ्य सामने आ सकें। पूछताछ पूरी होने के बाद कोतवाली में दर्ज मामले में चार्जशीट दाखिल की जाएगी। कुल मिलाकर कफ सीरप तस्करी के इस बड़े प्रकरण में पुलिस और औषधि विभाग की संयुक्त कार्रवाई लगातार आगे बढ़ रही है और आने वाले दिनों में और भी कड़े कदम उठाए जाने की संभावना है।

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