Tue, 16 Dec 2025 12:38:00 - By : Palak Yadav
ज्ञानवापी प्रकरण से जुड़े कथित वजूखाने के पास सील गेट पर लगे कपड़े को बदलने से संबंधित मामले में मंगलवार को वाराणसी जिला जज की अदालत में सुनवाई हुई। अदालत ने इस संबंध में दाखिल याचिका को पोषणीय न मानते हुए खारिज कर दिया और किसी प्रकार का न्यायिक आदेश देने से इनकार कर दिया। जिला जज ने स्पष्ट किया कि जब मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है, तब निचली अदालत किसी ऐसे विषय पर आदेश पारित नहीं कर सकती जिससे शीर्ष अदालत की सुनवाई प्रभावित हो।
प्रशासन की ओर से जिला जज की अदालत में आवेदन दाखिल किया गया था, जिसमें यह बताया गया था कि वजूखाने के पास जिस स्थान को कपड़े से ढक कर सील किया गया है, वह कपड़ा अब जर्जर स्थिति में है और उसे बदले जाने की आवश्यकता है। इस पर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई और कहा गया कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है तथा शीर्ष अदालत के निर्देशों के अनुसार निचली अदालत को किसी भी प्रकार का आदेश देने का अधिकार नहीं है। पूजा स्थल उपबंध विधेयक 1991 से जुड़े बिंदुओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।
जिला जज ने सुनवाई के दौरान कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत फिलहाल न तो कोई नया मुकदमा स्वीकार किया जाएगा और न ही ऐसा कोई आदेश दिया जाएगा, जिससे उच्चतम न्यायालय में चल रही प्रक्रिया पर कोई असर पड़े। अदालत ने स्पष्ट किया कि इस प्रकरण में सभी कदम सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के अनुसार ही उठाए जाएंगे। मामले में अगली सुनवाई की तिथि 6 जनवरी 2026 निर्धारित की गई है।
सुनवाई के दौरान अदालत ने यह भी उल्लेख किया कि सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रकरण में जिलाधिकारी वाराणसी को नियंत्रक नियुक्त किया है। आवश्यक रखरखाव या व्यवस्थागत बदलाव से संबंधित निर्णय प्रशासनिक स्तर पर लिए जा सकते हैं, बशर्ते वे सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप हों। अदालत ने साफ किया कि किसी भी कार्रवाई में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी पक्ष की भावनाओं या अधिकारों को ठेस न पहुंचे और न्यायिक प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष बनी रहे।