वाराणसी: नवरात्रि पर दो नन्हीं बालिकाएं बनीं एक दिन की एसीपी, महिला सशक्तिकरण का पूरे विश्व को गया, संदेश

वाराणसी में नवरात्रि पर महिला शक्ति 5.0 अभियान के तहत दो बालिकाएं एक दिन के लिए एसीपी साइबर क्राइम बनीं।

Sat, 27 Sep 2025 22:13:02 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

वाराणसी: काशी की पावन धरती ने नवरात्रि के पर्व पर आज शनिवार को महिला सशक्तिकरण का एक ऐसा अनोखा नजारा देखा, जिसने न केवल समाज को गहरा संदेश दिया बल्कि भविष्य की संभावनाओं को भी उजागर किया। महिला शक्ति 5.0 अभियान के तहत दो नन्हीं बालिकाएं, रोशनी और रानी ने वाराणसी की एसीपी साइबर क्राइम का पदभार एक दिन के लिए संभाला। इस पहल ने यह साबित कर दिया कि छोटी उम्र से ही बेटियां बड़े सपने देख सकती हैं और जिम्मेदारी उठाने का आत्मविश्वास उनमें भरपूर मौजूद है।

पुलिस लाइन स्थित साइबर क्राइम कार्यालय में जैसे ही दोनों बच्चियां अपने कदमों के साथ दाखिल हुईं, वहां मौजूद हर अधिकारी और कर्मचारी ने उन्हें सैल्यूट किया। यह दृश्य इतना भावुक था कि उपस्थित लोग भी तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत करने लगे। छोटी सी उम्र में अधिकारी की कुर्सी पर बैठी रोशनी और रानी का यह आत्मविश्वासी चेहरा समाज के लिए प्रेरणा का संदेश बन गया।

कार्यक्रम के दौरान इन बालिकाओं ने न सिर्फ औपचारिक पदभार संभाला बल्कि पूरे साइबर क्राइम कार्यालय का निरीक्षण भी किया। उन्होंने विभिन्न डेस्कों पर जाकर यह समझने की कोशिश की कि साइबर अपराधों की जांच और कार्रवाई किस तरह होती है। साथ ही पुलिसकर्मियों से परिचय पाकर उन्होंने एक जिम्मेदार अधिकारी की भूमिका में खुद को महसूस किया।

इस अवसर पर एसीपी साइबर क्राइम विदुष सक्सेना ने कहा कि महिला शक्ति 5.0 का मकसद बच्चियों को आत्मविश्वास और नेतृत्व का अनुभव कराना है। रोशनी और रानी ने पूरे गंभीरता और उत्साह के साथ इस भूमिका को निभाया। यह पहल समाज को यह संदेश देती है कि बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं, बस उन्हें अवसर और विश्वास की जरूरत है।

ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश सरकार ने मिशन शक्ति 5.0 के तहत राज्य भर में महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं। इसी कड़ी में बच्चियों को पुलिस प्रशासन के विभिन्न पदों की जिम्मेदारी सौंपकर उनके अंदर नेतृत्व और जिम्मेदारी का भाव जगाने का प्रयास किया जा रहा है।

वाराणसी में आयोजित यह कार्यक्रम इसलिए भी विशेष रहा क्योंकि यहां बढ़ते साइबर अपराधों के बीच इस जागरूकता पहल ने न केवल बालिकाओं बल्कि समाज के हर वर्ग को एक गहरा संदेश दिया। यह आयोजन इस बात का प्रतीक बना कि भविष्य में ये नन्हें कदम ही बड़े बदलाव की नींव रखेंगे।

नन्हीं रोशनी और रानी के लिए यह दिन जीवनभर की प्रेरणा बन गया, वहीं समाज के लिए यह एक उदाहरण कि जब बेटियों को अवसर मिलता है तो वे हर मुकाम हासिल कर सकती हैं।

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