वाराणसी: बिना अनुमति विदेशी मेहमानों को ठहराने पर होटल दयाल टावर पर दर्ज हुई, FIR

वाराणसी के दयाल टावर होटल पर IB सूचना के आधार पर FIR, बिना अनुमति विदेशी नागरिक ठहरे थे.

Sun, 23 Nov 2025 14:21:00 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA

वाराणसी: भेलूपुर थाना क्षेत्र के प्रतिष्ठित दुर्गाकुंड इलाके में स्थित होटल दयाल टावर रविवार को उस समय चर्चा में आ गया, जब इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) द्वारा भेजी गई सूचना के आधार पर पुलिस ने होटल की गतिविधियों की जांच की। जांच में सामने आए तथ्यों ने न केवल सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए, बल्कि होटल प्रबंधन की कार्यशैली को भी कठघरे में खड़ा कर दिया। होटल में बिना अनुमति विदेशी नागरिकों को ठहराया गया था, साथ ही उन सभी अनिवार्य नियमों को भी अनदेखा किया गया, जो विदेशी मेहमानों की एंट्री और निगरानी के लिए कानून में अनिवार्य हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, बीएचयू के प्रोफेसर डॉ. विनोद कुमार तिवारी ने अपने शैक्षणिक कार्यक्रम के लिए होटल में कुल 20 कमरे बुक कराए थे। 20 नवंबर को विभिन्न देशों से आए मेहमान अलग-अलग समय पर होटल पहुंचे। इनमें 10 विदेशी नागरिक भी शामिल थे, जिनकी उपस्थिति की जानकारी होटल प्रबंधन ने न तो स्थानीय पुलिस को दी और न ही फॉर्म-सी (Form-C) के माध्यम से FRRO को भेजी। जबकि भारतीय कानून के अनुसार, देश में किसी भी विदेशी नागरिक के ठहरने की सूचना 24 घंटे के भीतर देना अनिवार्य है।

जैसे ही IB की रिपोर्ट भेलूपुर पुलिस को मिली, इंस्पेक्टर सुधीर कुमार त्रिपाठी के नेतृत्व में टीम तुरंत होटल पहुंची। जांच के दौरान एक के बाद एक चौंकाने वाली बातें सामने आती गईं। पुलिस ने पाया कि विदेशी मेहमानों के पासपोर्ट होटल के रिसेप्शन पर जमा थे और रजिस्टर में उनकी एंट्री भी दर्ज थी, लेकिन किसी विभाग को इसकी विधिक जानकारी नहीं दी गई थी। जब टीम ने होटल की वैध अनुमति और रजिस्ट्रेशन दस्तावेज मांगे, तो मैनेजर नितेश सिंह स्पष्ट जवाब नहीं दे सके। उन्होंने बताया कि अनुमति के लिए आवेदन किया गया है, लेकिन अभी तक लाइसेंस स्वीकृत नहीं हुआ है। इसका मतलब साफ था कि होटल पूरी तरह बिना अनुमति संचालित हो रहा था।

होटल मालिक राजीव सिंह मौके पर मौजूद नहीं थे। पुलिस का कहना है कि आर्थिक लाभ के उद्देश्य से होटल प्रबंधन ने बिना अनुमोदन विदेशी मेहमानों को ठहराया और जानबूझकर कानूनी प्रक्रियाओं को नजरअंदाज किया। पुलिस ने राजीव सिंह और मैनेजर नितेश सिंह, दोनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

फॉर्म-सी का उल्लंघन आखिर इतना गंभीर क्यों?
भारत में विदेशी नागरिकों के लिए सुरक्षा संबंधी प्रोटोकॉल बेहद सख्त हैं। किसी भी होटल, गेस्ट हाउस या लॉज को विदेशी मेहमान के आगमन के 24 घंटे के भीतर फॉर्म-सी भरकर पुलिस और FRRO को भेजना जरूरी होता है। इससे सुरक्षा एजेंसियों को देश में मौजूद विदेशियों की रियल-टाइम जानकारी मिलती रहती है। किसी भी स्तर पर इस प्रक्रिया की अनदेखी को गंभीर अपराध माना जाता है, क्योंकि इससे सुरक्षा जोखिम बढ़ सकते हैं।

भेलूपुर पुलिस ने होटल की ओर से की गई इस लापरवाही को बिल्कुल गंभीर माना है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि जांच आगे भी जारी रहेगी और यह भी पता लगाया जाएगा कि क्या पहले भी इसी तरह की अनियमितताएं की गई थीं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि दुर्गाकुंड जैसे संवेदनशील और व्यस्त इलाके में यदि होटल इस तरह बिना अनुमति संचालित हो रहे हैं, तो यह शहर की सुरक्षा व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। वहीं पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि भविष्य में ऐसी किसी भी शिकायत पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

फिलहाल, होटल दयाल टावर पर दर्ज हुई FIR ने पूरे क्षेत्र के होटल व्यवसायियों को सतर्क कर दिया है और कानून के पालन को लेकर चर्चा तेज हो गई है।

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