Thu, 11 Dec 2025 13:34:44 - By : Palak Yadav
वाराणसी में गुरुवार को एक ऐतिहासिक क्षण दर्ज किया गया जब केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने देश के पहले हाइड्रोजन फ्यूल आधारित कैटामरान यात्री पोत का लोकार्पण किया. यह जलयान पर्यावरण के अनुकूल तकनीक पर आधारित है और इसे स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग का एक प्रभावी समाधान माना जा रहा है. पोत के संचालन की शुरुआत के साथ ही काशी में जल पर्यटन को नई गति मिलने की संभावना है. लोकार्पण के बाद मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि हाइड्रोजन फ्यूल आधारित यह तकनीक भविष्य के परिवहन की दिशा तय करने में सक्षम होगी और इससे गंगा नदी पर प्रदूषण रहित पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा.
यह विशिष्ट कैटामरान पोत दो नौकाओं के आधार पर बनाया गया है जिससे यह गति, स्थिरता और संतुलन के मामले में सामान्य नौकाओं से काफी आगे माना जाता है. पोत के नीचे का तल स्पष्ट रूप से दो नौकाओं के जुड़ाव का आधार दिखाता है जो इसके संचालन को सुरक्षित और संतुलित बनाता है. पोत के आगे के हिस्से में एक विशेष घंटी स्थापित की गई है जिस पर हाइड्रोजन फेरी लिखा गया है, जो इसकी तकनीकी विशेषता को दर्शाता है. चालक के लिए बनाए गए फ्रंट सेक्शन में लगभग 180 डिग्री देखने की क्षमता वाली कांच आधारित केबिन का निर्माण किया गया है जिससे चालक को नदी में दूर तक दृश्यता मिल सके और किसी भी प्रकार की दुर्घटना की संभावना कम हो.
पोत के भीतर बड़े कांच वाली खिड़कियां यात्रियों को गंगा के सुंदर घाटों और गंगा में दिखने वाली डाल्फिन को देखने का अनूठा अनुभव प्रदान करेंगी. यात्रियों के बैठने के लिए एसी युक्त आरामदायक सीटें लगाई गई हैं जिनके दोनों ओर से चलने का रास्ता दिया गया है. सुरक्षा के लिए लोहे की रॉड और पकड़ने के उपकरण लगाए गए हैं जिससे यात्रियों को पोत के चलने के दौरान संतुलन बनाए रखने में सुविधा होगी. चालक का केबिन एयरकंडीशंड रखा गया है और इसमें चार से पांच स्क्रीनें लगी हैं जिन पर पोत के संचालन से संबंधित सभी तकनीकी सुविधाएं दिखाई देती हैं. कमांड पैनल आधुनिक तकनीक से लैस है जिससे पोत की गतिविधियों की रीयल टाइम निगरानी संभव है.
पोत में यात्रियों के लिए सीटों की व्यवस्था एक कतार में चार सीटों वाले पैटर्न पर की गई है जिन्हें आमने सामने लगाया गया है ताकि परिवार या समूह में सफर करने वाले लोग आसानी से एक दूसरे के साथ बैठ सकें. पोत के भीतर संचालन, सुरक्षा और तकनीकी हिस्सों से जुड़ी जानकारी चार्ट के माध्यम से भी उपलब्ध कराई गई है ताकि यात्री इसकी संरचना और कार्यप्रणाली समझ सकें. बड़े कांच वाली विंडो के कारण बाहर का दृश्य बेहद स्पष्ट दिखता है और गर्मी के मौसम में भी एसी के कारण यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी. पोत के संचालन के लिए सभी सुरक्षा उपकरणों और जांच बिंदुओं को उचित स्थानों पर स्थापित किया गया है.
हाइड्रोजन फ्यूल सेल तकनीक पर आधारित यह कैटामरान पोत देश में हरित जल परिवहन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. इसकी शुरुआत वाराणसी में होने से गंगा नदी पर प्रदूषण रहित और आधुनिक जल पर्यटन की संभावनाएं और मजबूत हुई हैं. सरकार को उम्मीद है कि आने वाले समय में ऐसे और भी पोत विकसित होंगे जो स्वच्छ ऊर्जा आधारित जल परिवहन को व्यापक रूप देंगे.