Sat, 22 Nov 2025 11:41:52 - By : Shriti Chatterjee
वाराणसी में ठंड बढ़ने के साथ ही मच्छरों का प्रकोप लगातार गंभीर होता जा रहा है। शहर के सौ से अधिक वार्डों में मच्छरों की संख्या कम होने के बजाय और बढ़ गई है। नगर निगम द्वारा फॉगिंग और नियंत्रण अभियान पर दस लाख रुपये से अधिक खर्च किए जाने के बावजूद हालात में कोई ठोस सुधार नहीं दिख रहा है। नवविस्तारित इलाकों में रहने वाले लोगों का कहना है कि मच्छरों की भरमार के कारण रात में बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है और घरों के भीतर भी आराम से बैठना कठिन होता जा रहा है। इन क्षेत्रों में नियमित फॉगिंग की जरूरत है लेकिन शिकायतों के बाद भी कार्रवाई धीमी पड़ी है।
हर वार्ड के लिए एक फॉगिंग मशीन की व्यवस्था की गई है और निगम ने कई स्थानों को हॉटस्पॉट के रूप में चिह्नित भी किया है। पार्षदों की मदद से इन हॉटस्पॉट क्षेत्रों में फॉगिंग कराई जा रही है, लेकिन अभी भी कई इलाकों में मच्छरों की समस्या कम नहीं हुई है। खाली पड़े प्लॉटों में पानी भरने से स्थिति और गंभीर बनती जा रही है। मच्छरों के बढ़ते प्रजनन से डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम को मिलकर इस परिस्थिति से निपटने के लिए अधिक प्रभावी रणनीति तैयार करने की जरूरत दिखाई दे रही है।
नगर निगम ने शिकायतों के समाधान के लिए टोल फ्री नंबर 1533 जारी किया है। इस नंबर पर रोजाना शिकायतें दर्ज की जाती हैं और उसके बाद संबंधित क्षेत्र में मशीन भेजकर फॉगिंग कराई जाती है। गलियों और घनी आबादी वाले इलाकों में जहां बड़ी मशीनें नहीं पहुंच पाती हैं, वहां छोटी गाड़ियों की मदद से फॉगिंग का प्रबंध किया गया है। इस बार फॉगिंग के लिए इस्तेमाल किए जा रहे केमिकल में भी बदलाव किया गया है ताकि लार्वा को भी प्रभावी रूप से नष्ट किया जा सके।
नगर निगम का कहना है कि नियमित फॉगिंग अभियान जारी है और मशीनों को गाड़ियों पर लगाकर घनी और तंग गलियों तक भेजा जा रहा है। इसका उद्देश्य यह है कि शहर में किसी भी हिस्से को बिना कवर किए न छोड़ा जाए। हालांकि स्थानीय लोग इस अभियान को जमीन पर अभी भी कमजोर मान रहे हैं और उनका कहना है कि जब तक नियमित और व्यापक रूप से फॉगिंग नहीं की जाएगी तब तक मच्छरों का खतरा टलने वाला नहीं है।
ठंड के इस मौसम में बढ़ते मच्छरों और बीमारियों के जोखिम को देखते हुए प्रशासनिक तैयारी परीक्षा पर कही जा रही है। शहर में बढ़ते मामलों ने यह साफ संकेत दिया है कि फॉगिंग की व्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत है और साथ ही जलभराव वाली जगहों पर विशेष अभियान चलाया जाना आवश्यक है। फिलहाल नगर निगम का प्रयास जारी है लेकिन मच्छरों के आतंक को रोकने के लिए और प्रभावी कदम उठाने की मांग तेज होती जा रही है।