Sat, 21 Jun 2025 13:43:46 - By : Pradyumn Kant Patel
वाराणसी : कानून-व्यवस्था को सख्त बनाने और पुलिसिंग में जवाबदेही सुनिश्चित करने के प्रयासों के तहत पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने शुक्रवार की रात शहर भर में अहम प्रशासनिक फेरबदल किए। इस बदलाव की श्रृंखला में भेलूपुर और चेतगंज जैसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण सर्किलों के एसीपी बदले गए, साथ ही भेलूपुर और चौबेपुर थानों को नए प्रभारी निरीक्षक मिले हैं। इसके अलावा, एक अपहरण और हत्या के मामले में लापरवाही बरतने पर शिवपुर के पूर्व इंस्पेक्टर समेत दो दरोगाओं को निलंबित कर विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।
शहर के सबसे महत्वपूर्ण सर्किल माने जाने वाले भेलूपुर में अब एसीपी गौरव कुमार को कमान सौंपी गई है। गौरव कुमार इससे पहले चेतगंज सर्किल के सहायक पुलिस आयुक्त थे, और उनके अनुभव को देखते हुए उन्हें बीएचयू जैसे अति संवेदनशील क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गई है। चेतगंज में उनकी जगह अब आईपीएस अधिकारी ईशान सोनी को भेजा गया है, जो इससे पहले भेलूपुर सर्किल की जिम्मेदारी निभा रहे थे। यह फेरबदल न केवल प्रशासनिक संतुलन बनाने की कोशिश है, बल्कि उन क्षेत्रों में भी नई ऊर्जा लाने का प्रयास है, जहां सुरक्षा और सामाजिक सौहार्द अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं।
भेलूपुर थाने में इंस्पेक्टर सुधीर कुमार त्रिपाठी को नया प्रभारी निरीक्षक नियुक्त किया गया है। उनके पूर्ववर्ती गोपालजी कुशवाहा को पुलिस लाइन भेज दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक, कुशवाहा की कार्यशैली पर सवाल उठे थे, विशेष रूप से एलआईयू इंस्पेक्टर के परिवार पर हुए हमले के मामले में कोई ठोस गिरफ्तारी न हो पाने को लेकर डीसीपी ने रिपोर्ट दी थी, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया।
चौबेपुर थाने में भी बदलाव हुआ है। प्रभारी निरीक्षक जगदीश कुशवाहा को लाइन हाजिर कर दिया गया है। पुलिस कमिश्नर को उनके खिलाफ कई शिकायतें मिली थीं, जिन पर कार्रवाई करते हुए उप निरीक्षक रविकांत मलिक को अब चौबेपुर थाने का नया प्रभारी बनाया गया है। रविकांत पहले चौकी प्रभारी के रूप में कार्यरत थे, और अब उन्हें थाने की पूरी कमान दी गई है। इन नई तैनातियों के बाद इन इलाकों में पुलिस की कार्यशैली में बदलाव और सख्ती की उम्मीद की जा रही है।
शिवपुर थाना क्षेत्र में एक युवक के अपहरण के बाद हत्या के मामले में हुई लापरवाही पर पुलिस कमिश्नर ने सख्त रुख अपनाते हुए तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक उदयवीर सिंह को निलंबित कर दिया है। उल्लेखनीय है कि उदयवीर को पहले ही लाइन हाजिर कर दिया गया था, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए अब उन्हें निलंबन का सामना करना पड़ा है। इसी केस की विवेचना से जुड़े दो उप निरीक्षक - सत्यम तिवारी और धनंजय यादव - को भी निलंबित कर दिया गया है। इन दोनों पर यह आरोप है कि उन्होंने समय पर उचित कार्रवाई नहीं की, जिससे न केवल केस की प्रगति रुकी बल्कि न्याय की प्रक्रिया भी बाधित हुई।
इस कार्रवाई को पुलिस महकमे की जवाबदेही को दर्शाने वाला कदम माना जा रहा है, खासतौर से तब जब उच्च न्यायालय में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए गए थे और पीड़ित पक्ष ने लापरवाही का आरोप लगाया था। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।