Thu, 16 Oct 2025 10:11:33 - By : Yash Agrawal
वाराणसी के मंडलीय अस्पताल में वार्ड बॉय के रूप में कार्यरत जंगबहादुर उर्फ पिंटू की हत्या के आठ साल बाद आखिरकार न्याय मिला है। अदालत ने इस जघन्य हत्याकांड में दोषी पाए गए उसके दो दोस्तों अरुण कुमार हरिजन और नितिन यादव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोनों पर यह आरोप सिद्ध हुआ कि उन्होंने शराब पीने के लिए विवाद के बाद अपने ही दोस्त की बेरहमी से हत्या कर दी थी।
मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाया। जज ने अरुण कुमार को आजीवन कारावास के साथ 17,500 रुपये का जुर्माना और नितिन यादव को आजीवन कारावास के साथ 27,500 रुपये का अर्थदंड भरने का आदेश दिया। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि जुर्माने की यह राशि मृतक जंगबहादुर के परिवार को दी जाएगी। अर्थदंड न भरने की स्थिति में दोनों दोषियों को अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
2017 में हुई थी हत्या
यह घटना 21 जनवरी 2017 की है, जब पिपलानी कटरा स्थित शराब की दुकान पर जंगबहादुर और उसके दोस्त अरुण कुमार के बीच विवाद हो गया था। पुलिस के अनुसार, अरुण ने जंगबहादुर पर आरोप लगाया था कि उसने उसकी शराब छीन ली, मना करने पर थप्पड़ मारा और उसकी प्रेमिका को लेकर अपशब्द कहे। इसी बात से नाराज होकर अरुण ने अपने साथी नितिन यादव के साथ मिलकर हत्या की योजना बनाई।
जांच में पता चला कि दोनों आरोपी उसी रात जंगबहादुर को उसकी मौसी के घर बुलाकर वहां उसकी निर्मम हत्या कर दी। हत्या के बाद दोनों ने घर में रखे जेवर और नकदी लूट ली और फरार हो गए। इस वारदात से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी।
पुलिस की जांच और गिरफ्तारी
हत्या के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और कई सीसीटीवी फुटेज खंगाले। आरोपियों के मोबाइल फोन सर्विलांस पर लगाए गए, जिसके आधार पर पुलिस को उनकी लोकेशन का पता चला। तत्कालीन एसएसपी नितिन तिवारी के निर्देश पर दोनों आरोपियों की तलाश तेज की गई। पुलिस टीम ने 25 जनवरी की रात कंपनी बाग के पास से दोनों को गिरफ्तार कर लिया। इस कार्रवाई में इंस्पेक्टर कोतवाली अरविंद सिंह सिसौदिया और उनकी टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
कई मामलों में पहले से थे आरोपी
अरुण कुमार हरिजन और नितिन यादव पर पहले से ही सिगरा, कोतवाली और आदमपुर थाने में लूट, दुराचार और चोरी जैसे कई संगीन मुकदमे दर्ज थे। पुलिस ने दोनों पर गैंगेस्टर एक्ट लगाने की भी सिफारिश की थी। अदालत में अभियोजन पक्ष ने फांसी की सजा की मांग की थी, लेकिन सबूतों के आधार पर अदालत ने आजीवन कारावास की सजा को पर्याप्त माना।
परिवार को मिला संतोष, न्याय की उम्मीद हुई पूरी
आठ वर्षों से न्याय की प्रतीक्षा कर रहे मृतक जंगबहादुर के परिवार ने अदालत के फैसले पर संतोष जताया। परिवार ने कहा कि हालांकि उनकी मांग फांसी की सजा की थी, लेकिन अब उन्हें विश्वास है कि न्याय व्यवस्था ने सच्चाई के पक्ष में फैसला दिया है। इस फैसले के बाद पूरे क्षेत्र में चर्चा है कि कानून के शिकंजे से अपराधी कितने भी समय बाद क्यों न हों, बच नहीं सकते।