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बलिया: नगरा में दर्दनाक सड़क हादसा, महिला की इलाज के दौरान हुई मौत, परिवार में मातम

बलिया: नगरा में दर्दनाक सड़क हादसा, महिला की इलाज के दौरान हुई मौत, परिवार में मातम

बलिया के नगरा में हुए सड़क हादसे में इंदरपुर की मीना देवी की इलाज के दौरान मौत हो गई, जिससे गांव में शोक की लहर दौड़ गई।

बलिया जिले के नगरा क्षेत्र में एक दर्दनाक सड़क दुर्घटना ने एक पूरे परिवार की जिंदगी बदल दी जब इंदरपुर की रहने वाली मीना देवी की इलाज के दौरान मौत हो गई। यह हादसा 29 नवंबर 2025 को नगरा पेट्रोल पंप के पास घोसी मार्ग पर हुआ। मीना देवी अपने देवर प्रेमचंद चौहान के साथ इंदरपुर अस्पताल से दवा कराकर घर लौट रही थीं। दोनों जैसे ही नगरा पेट्रोल पंप के पास पहुंचे, सामने से आ रहे एक मोटरसाइकिल सवार ने उनकी बाइक में तेज टक्कर मार दी। टक्कर इतनी अचानक और तेज थी कि बाइक पर बैठे दोनों लोग सड़क पर गिर पड़े। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मीना देवी के सिर में गंभीर चोट लगी थी। प्रेमचंद चौहान भी घायल हुए लेकिन उनकी हालत स्थिर बताई गई। हादसे के बाद आसपास के लोग तुरंत वहां पहुंचे, घायल महिला को संभालने की कोशिश की और एंबुलेंस को बुलाया। कुछ ही मिनटों में एंबुलेंस मौके पर आ गई और मीना देवी को नगरा पीएचसी ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार किया और उनकी गंभीर स्थिति देखते हुए तुरंत जिला अस्पताल रेफर कर दिया।

जिला अस्पताल ले जाते समय ही स्थिति और बिगड़ गई। परिजन एंबुलेंस में लगातार उन्हें संभालते रहे लेकिन मीना देवी की सांसें रास्ते में ही थम गईं। डॉक्टरों ने अस्पताल पहुंचते ही उन्हें मृत घोषित कर दिया। यह खबर फैलते ही गांव में गहरा शोक छा गया। परिवार के लोगों के अनुसार मीना देवी पहले से ही कई जिम्मेदारियों का बोझ अकेले उठा रही थीं क्योंकि उनके पति की मृत्यु सात साल पहले हो चुकी थी। पति की मौत के बाद उन्होंने अपने दो बेटियों को पालने और उनकी पढ़ाई लिखाई में कोई कमी न होने देने के लिए मेहनत की। परिवार के करीबी लोग बताते हैं कि मीना देवी का जीवन संघर्षों से भरा था और वह अपनी दोनों बेटियों की शादी और भविष्य को लेकर हमेशा चिंतित रहती थीं। उनके अचानक चले जाने से बेटियां वंदना चौहान और अशू चौहान पूरी तरह टूट गई हैं।

दोनों बेटियों की उम्र अभी कम है और उनकी शादी भी नहीं हुई है। पिता के निधन के बाद वे पहले ही मां पर निर्भर थीं। अब मां के न रहने से बेटियों के सामने अनिश्चितता की एक लंबी राह खड़ी हो गई है। रिश्तेदार और पड़ोसी परिवार की मदद के लिए आगे आ रहे हैं और उन्हें ढांढस बंधाने की कोशिश कर रहे हैं। गांव के लोगों का कहना है कि मीना देवी मेहनती और शांत स्वभाव की महिला थीं और सभी के सुख दुख में साथ देती थीं। उनके निधन से गांव के लोग भी भावुक हैं।

इस घटना के बाद नगरा पुलिस सक्रिय हो गई है। नगरा थानाध्यक्ष संजय कुमार मिश्र ने बताया कि मामले में तहरीर प्राप्त हो गई है और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। दुर्घटना करने वाले मोटरसाइकिल सवार की तलाश जारी है और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की भी जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि दोषी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। घटना स्थल के आसपास रोजाना काफी आवागमन रहता है और स्थानीय लोग पहले भी इस मार्ग पर तेज रफ्तार वाहनों की शिकायत कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि अगर सड़क पर इस तरह की तेज गति को नियंत्रित करने के उपाय किए जाएं तो कई हादसों को रोका जा सकता है।

मीना देवी की मौत के बाद उनके घर में मातम पसरा हुआ है। परिजन बेहोश होकर रो रहे हैं और दोनों बेटियां अपनी मां के अंतिम दर्शन के दौरान लगातार यही कह रही थीं कि अब उनके भविष्य की जिम्मेदारी कौन उठाएगा। गांव में भी लोग यही चर्चा कर रहे हैं कि परिवार को किसी तरह की आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए ताकि बेटियों का भविष्य सुरक्षित किया जा सके। सामाजिक संगठनों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी परिवार ने मदद की उम्मीद जताई है।

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