Sun, 13 Jul 2025 07:47:04 - By : SANDEEP KR SRIVASTAVA
वाराणसी: जैतपुरा थाना क्षेत्र स्थित पीलीकोठी कटेहर निवासी अब्दुल वहीद अंसारी, जो पेशे से बुनकर हैं, साइबर ठगी का शिकार हो गए। शनिवार को उन्होंने स्थानीय थाने में तहरीर देकर बताया कि एक साइबर अपराधी ने खुद को एचडीएफसी बैंक का प्रतिनिधि बताते हुए उनसे संपर्क किया और क्रेडिट कार्ड अपग्रेड करने के नाम पर लंबी बातचीत की। बातचीत के दौरान आरोपी ने काफी भरोसेमंद ढंग से बात करते हुए अब्दुल वहीद को विश्वास में लिया और एक मोबाइल एप्लिकेशन इंस्टॉल करने को कहा। जैसे ही पीड़ित ने बताए गए निर्देशों का पालन कर एप इंस्टॉल किया, उनके फोन का नियंत्रण अज्ञात व्यक्ति के पास चला गया।
फोन हैक होते ही कुछ ही मिनटों में अब्दुल वहीद के एचडीएफसी बैंक क्रेडिट कार्ड से दो बार में कुल 1,54,461 रुपये निकाल लिए गए। यह रकम किस माध्यम से और कहां ट्रांसफर की गई, इसका अब तक कोई स्पष्ट विवरण सामने नहीं आया है। ठगी का अहसास होते ही पीड़ित ने तुरंत बैंक को सूचित किया और फिर स्थानीय पुलिस स्टेशन पहुंचकर पूरे मामले की जानकारी दी।
जैतपुरा थानाध्यक्ष बृजेश मिश्रा ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि पीड़ित की शिकायत के आधार पर अज्ञात साइबर अपराधी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। साथ ही मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर सेल की मदद से तकनीकी जांच शुरू कर दी गई है। प्राथमिक जांच में यह सामने आया है कि ठग ने सोशल इंजीनियरिंग और तकनीकी माध्यमों का इस्तेमाल करते हुए पीड़ित के मोबाइल फोन तक पहुंच बनाई और फिर बैंकिंग जानकारी हासिल कर रकम निकाल ली।
थाना प्रभारी ने लोगों से अपील की है कि बैंक से जुड़ी कोई भी कॉल आने पर किसी को ओटीपी, पासवर्ड या अन्य गोपनीय जानकारी साझा न करें। साथ ही किसी अनजान व्यक्ति द्वारा बताए गए मोबाइल एप्लिकेशन को डाउनलोड करने से बचें, चाहे सामने वाला खुद को किसी भी प्रतिष्ठित संस्था का प्रतिनिधि क्यों न बता रहा हो।
घटना के बाद इलाके में साइबर सुरक्षा को लेकर लोगों में चिंता बढ़ गई है। अब्दुल वहीद जैसे मेहनतकश बुनकर, जिनकी पूरी आय का स्रोत सीमित होता है, उनके साथ इस प्रकार की ठगी न केवल आर्थिक झटका है, बल्कि मानसिक रूप से भी परेशान करने वाली होती है। वाराणसी में इस तरह की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है, और स्थानीय पुलिस व साइबर सेल की भूमिका इन मामलों के समाधान में बेहद अहम हो जाती है।
फिलहाल पुलिस कॉल डिटेल, बैंकिंग ट्रांजैक्शन और मोबाइल फोन डेटा की तकनीकी पड़ताल में जुटी है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही आरोपित का सुराग लगाया जा सकेगा और पीड़ित को न्याय मिल सकेगा।