यमुना प्रदूषण मुक्ति अभियान शुरू, 45 नाले होंगे टैप, 90 करोड़ की परियोजना को मंजूरी

यमुना नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए 45 छोटे-बड़े नालों को टैप करने की 90 करोड़ की परियोजना शुरू, प्रतिदिन 80 एमएलडी गंदा पानी एसटीपी तक जाएगा।

Sat, 22 Nov 2025 14:06:58 - By : Garima Mishra

यमुना नदी को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए अब तेज गति से काम शुरू हो गया है। नदी में सीधे गिर रहे छोटे और बड़े 45 नालों को टैप करने की मंजूरी मिल चुकी है। पूरे प्रोजेक्ट की लागत करीब 90 करोड़ रुपये तय की गई है। वर्तमान में इन नालों से प्रतिदिन लगभग 70 से 80 एमएलडी गंदा पानी बिना किसी ट्रीटमेंट के यमुना में जा रहा है, जिससे नदी की हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की सख्ती के बाद नगर निगम और जल निगम ने संयुक्त रूप से सर्वे कराया। सर्वे में यह स्पष्ट हुआ कि शहर के कई बड़े नाले सीधे यमुना में मिल रहे हैं, जिनके कारण नदी का प्रदूषण चिंताजनक स्तर पर पहुंच रहा है। एनजीटी ने सरकार और प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि नदी में गिरने वाले सभी नालों को टैप कर प्रदूषण पर रोक लगाई जाए।

सर्वे के दौरान पाए गए प्रमुख नालों में भैरो घाट, वाटर वर्क्स, नरायच, एत्माद्दौला और नुनिहाई के पास स्थित बड़ा नाला शामिल है। इनके अलावा लगभग 40 छोटे नाले भी चिन्हित किए गए हैं। अगले एक वर्ष के भीतर इन सभी नालों को टैप कर गंदे पानी को एसटीपी तक डायवर्ट किया जाएगा। जल निगम ने इस परियोजना के लिए अलग-अलग पैकेज में टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है।

नालों के टैप होने के बाद गंदा पानी सीधा यमुना में नहीं जाएगा। इसके ट्रीटमेंट के लिए एसटीपी की तैयारी भी शुरू कर दी गई है। अधिकारियों का कहना है कि इस काम के पूरा होने के बाद नदी के प्रदूषण स्तर में स्पष्ट सुधार देखा जा सकेगा। जल निगम ने दावा किया है कि योजना पूरी होने के बाद यमुना में गिरने वाले नालों के पानी में 60 से 70 प्रतिशत तक कमी आएगी।

उधर, नदी किनारे गंदगी का स्तर भी चिंता का विषय बना हुआ है। नालों के अलावा लोगों द्वारा यमुना की ओर पूजन सामग्री और कचरा फेंकने से हालात और खराब होते जा रहे हैं। कई घाटों पर कूड़े के ढेर जमा हो जाते हैं। पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि नदी की सफाई तभी संभव है जब नालों के साथ मानवजनित कचरा निस्तारण को भी सख्ती से नियंत्रित किया जाए।

नगर निगम ने चेतावनी जारी की है कि नदी किनारे कचरा फेंकने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही जागरूकता अभियान शुरू कर लोगों से अपील की जा रही है कि वे यमुना की स्वच्छता में सहयोग करें। इस परियोजना के पूरा होने की उम्मीद अगले वर्ष के अंत तक है। प्रशासन को भरोसा है कि नालों के टैप होने के बाद यमुना की सांसें वापस लौटेंगी और उसकी दशा में महत्वपूर्ण सुधार देखने को मिलेगा।

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