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चंदौली: बमबाजी से दहले किन्नर समाज ने बुलडोजर कार्रवाई को लेकर किया चक्का जाम

चंदौली: बमबाजी से दहले किन्नर समाज ने बुलडोजर कार्रवाई को लेकर किया चक्का जाम

चंदौली के चहनिया चौराहे पर किन्नर समाज ने बमबाजी के विरोध में और आरोपियों पर बुलडोजर कार्रवाई की मांग को लेकर चक्का जाम किया।

चंदौली: जिले का अति व्यस्त माना जाने वाला बलुआ थाना क्षेत्र का चहनिया चौराहा बुधवार को एक अभूतपूर्व आक्रोश और विरोध प्रदर्शन का गवाह बना। यहाँ किन्नर समाज के दर्जनों लोगों ने प्रशासन की कार्यशैली और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए सड़क को पूरी तरह से ब्लॉक कर दिया। यह गुस्सा अचानक नहीं फूटा, बल्कि इसके पीछे दो दिन पूर्व हुई एक सनसनीखेज वारदात है। दरअसल, किन्नर समाज उस घटना से बेहद आहत और भयभीत है, जिसमें उनके समाज के एक सदस्य के घर पर अराजक तत्वों द्वारा बम से जानलेवा हमला किया गया था। इसी घटना के विरोध में और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर बुधवार को किन्नर समाज का धैर्य जवाब दे गया और उन्होंने कानून-व्यवस्था के सामने अपनी नाराजगी का इजहार सड़क पर उतर कर किया।

विरोध प्रदर्शन का यह मंजर इतना जोरदार था कि देखते ही देखते चहनिया चौराहे पर यातायात व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई। किन्नर समाज के लोगों ने सड़क के बीचों-बीच डेरा जमा लिया और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी शुरू कर दी। उनकी मांग स्पष्ट और दो टूक थी, वे केवल एफआईआर या खानापूर्ति से संतुष्ट नहीं हैं, बल्कि वे "बुलडोजर न्याय" चाहते हैं। प्रदर्शनकारियों ने साफ शब्दों में कहा कि जिस तरह प्रदेश में अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं, उसी तर्ज पर उनके सदस्य के घर पर बम फेंकने वाले आरोपियों के मकानों पर भी प्रशासन का बुलडोजर चलना चाहिए। उनका कहना था कि जब तक दोषियों के खिलाफ ऐसी नजीर पेश करने वाली कार्रवाई नहीं होती, उनका समाज असुरक्षित महसूस करता रहेगा और उनका आंदोलन जारी रहेगा।

सड़क जाम के चलते चहनिया चौराहे के चारों तरफ वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गईं, जिससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। धूप और उमस के बीच घंटों चले इस प्रदर्शन ने राहगीरों के पसीने छुड़ा दिए। स्कूल से घर लौट रहे मासूम बच्चे बसों और वैन में फंसे रहे, दफ्तर जाने वाले कर्मचारी समय पर नहीं पहुंच सके और सबसे अधिक परेशानी उन मरीजों और उनके तीमारदारों को उठानी पड़ी, जो एंबुलेंस या निजी वाहनों में फंसकर तड़पते रहे। जाम की स्थिति इतनी भयावह हो गई थी कि पैदल निकलना भी दूभर हो गया था। हालांकि, प्रदर्शनकारी अपने दर्द और आक्रोश को लेकर इतने संजीदा थे कि वे किसी भी सूरत में अपनी मांग पूरी हुए बिना वहां से हटने को तैयार नहीं थे।

मामले की नजाकत और बिगड़ते हालात की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। आनन-फानन में एसडीएम और क्षेत्राधिकारी (CO) समेत भारी पुलिस बल और पीएसी को मौके पर तैनात कर दिया गया। प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारी किन्नरों से बातचीत शुरू की। अधिकारियों द्वारा उन्हें समझाने-बुझाने का दौर काफी देर तक चलता रहा। पुलिस प्रशासन लगातार यह आश्वासन देता नजर आया कि कानून अपना काम कर रहा है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, लेकिन प्रदर्शनकारी तत्काल और दृश्यमान कार्रवाई (बुलडोजर एक्शन) पर अड़े रहे। अधिकारियों के लिए चुनौती यह थी कि एक तरफ उन्हें आक्रोशित भीड़ को शांत करना था, तो दूसरी तरफ जाम में फंसी जनता को राहत दिलानी थी।

फिलहाल, प्रशासन और किन्नर समाज के बीच हुए संवाद ने जाम हटवा कर रास्ते को सुचारू रूप से चालू करवाया। मौके पर स्थिति तनावपूर्ण जरूर है, लेकिन पुलिस की भारी मौजूदगी के कारण नियंत्रण में है।

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