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वाराणसी: नगर आयुक्त ने कड़ाके की ठंड में बेजुबानों की ली सुध, लापरवाही पर दी चेतावनी

वाराणसी: नगर आयुक्त ने कड़ाके की ठंड में बेजुबानों की ली सुध, लापरवाही पर दी चेतावनी

वाराणसी नगर आयुक्त ने कड़ाके की ठंड में बेजुबानों के लिए एबीसी सेंटर व काजी हाउस का निरीक्षण कर लापरवाही पर सख्त चेतावनी दी।

वाराणसी: काशी में बढ़ती ठिठुरन के बीच वाराणसी नगर निगम प्रशासन शहर की नागरिक सुविधाओं के साथ-साथ अब बेजुबान पशुओं के संरक्षण और उनकी देखभाल को लेकर बेहद संजीदा और सक्रिय नजर आ रहा है। पशु कल्याण की दिशा में उठाये जा रहे कदमों और व्यवस्थाओं की जमीनी हकीकत परखने के उद्देश्य से नगर आयुक्त हिमांशु नागपाल ने बुधवार को ऐढ़े स्थित एबीसी (एनिमल बर्थ कंट्रोल) सेंटर और काजी हाउस का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने न केवल वहां मौजूद संसाधनों और इन्फ्रास्ट्रक्चर का बारीकी से मुआयना किया, बल्कि पशुओं के रखरखाव में किसी भी प्रकार की कोताही न बरतने का कड़ा संदेश भी दिया। नगर आयुक्त ने स्पष्ट किया कि प्रशासन का उद्देश्य केवल रस्म अदायगी नहीं, बल्कि पशुओं को एक सुरक्षित और संरक्षित वातावरण प्रदान करना है।

निरीक्षण की शुरुआत एबीसी सेंटर से करते हुए नगर आयुक्त ने वहां की कार्यप्रणाली को गहराई से समझा। उन्होंने डॉग रूम, स्टाफ कार्यालय और डॉग फूड किचन (पशुओं के लिए भोजन बनाने का स्थान) का सघन अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से वहां आश्रय लिए हुए निराश्रित और उपचाराधीन श्वान व अन्य पशुओं की मौजूदा स्थिति और उनके स्वास्थ्य के बारे में विस्तृत जानकारी तलब की। मौसम के बदलते मिजाज और कड़ाके की ठंड को देखते हुए नगर आयुक्त ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि पशुओं को शीत लहर से बचाने के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएं। उन्होंने विशेष रूप से निर्देशित किया कि परिसर में नियमित रूप से और पर्याप्त मात्रा में अलाव जलाए जाएं, ताकि बीमार और कमजोर पशुओं को ठंड की मार से बचाया जा सके। उनका कहना था कि स्वास्थ्य सुरक्षा में थोड़ी सी भी चूक इन बेजुबानों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है, जिसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा।

एबीसी सेंटर के बाद नगर आयुक्त का काफिला ऐढ़े स्थित काजी हाउस पहुंचा, जहां उन्होंने बड़े पशुओं के लिए उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं का जायजा लिया। यहाँ उन्होंने मुख्य रूप से पशुओं के चारे और पानी की व्यवस्था को परखा। निरीक्षण के दौरान नगर आयुक्त ने महसूस किया कि काजी हाउस में पशुओं के लिए पेयजल की जो वर्तमान व्यवस्था है, उसे और अधिक सुगम और स्वच्छ बनाने की आवश्यकता है। इस कमी को तत्काल दूर करने के लिए उन्होंने मौके पर ही मातहतों को निर्देश जारी किए कि काजी हाउस परिसर के किनारे पक्की नाद (पानी पीने की टंकी) का निर्माण कराया जाए। इस निर्माण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वहां रखे गए पशुओं को बिना किसी कठिनाई के हर समय स्वच्छ और ताजा पानी उपलब्ध हो सके।

निरीक्षण के अंत में नगर आयुक्त हिमांशु नागपाल ने अपने अधिकारियों के साथ एक संक्षिप्त बैठक भी की, जिसमें उनका रुख बेहद सख्त नजर आया। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि पशु कल्याण निगम की प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर है और इससे जुड़े किसी भी कार्य में शिथिलता या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को हिदायत दी कि वे न केवल आज दिए गए निर्देशों का पालन सुनिश्चित कराएं, बल्कि नियमित अंतराल पर स्वयं भी इन केंद्रों का दौरा करते रहें ताकि व्यवस्थाएं मानकों के अनुरूप संचालित होती रहें। इस निरीक्षण के दौरान अपर नगर आयुक्त अमित गुप्ता और पशु चिकित्साधिकारी सहित नगर निगम के अन्य वरिष्ठ अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे, जिन्होंने नगर आयुक्त को आश्वस्त किया कि पशु संरक्षण के दायित्वों का निर्वहन पूरी निष्ठा के साथ किया जाएगा।

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