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चंदौली: मुस्लिम युवक ने शिव मंदिर के लिए जमीन दान कर पेश की भाईचारे की अनोखी मिसाल

चंदौली: मुस्लिम युवक ने शिव मंदिर के लिए जमीन दान कर पेश की भाईचारे की अनोखी मिसाल

चंदौली के धपरी गांव में खुदाई में शिवलिंग मिलने पर मुस्लिम युवक सकलैन ने मंदिर निर्माण के लिए जमीन दान कर सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश की।

चंदौली: अलीनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत धपरी गांव में सांप्रदायिक सौहार्द और भाईचारे की एक प्रेरणादायक मिसाल सामने आई है। यहां शनिवार की शाम जमीन की खुदाई के दौरान एक शिवलिंग मिलने के बाद स्थानीय प्रशासन द्वारा भूमि की पैमाइश कराई गई। इस दौरान गांव के ही मुस्लिम युवक सकलैन ने हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल कायम करते हुए अपने हिस्से की एक बिस्वा जमीन स्वेच्छा से शिव मंदिर के नाम दान करने की घोषणा की। सकलैन के इस कदम की हर तरफ प्रशंसा हो रही है और लोगों ने 'हर-हर महादेव' के जयघोष के साथ स्वागत किया।

मामला शनिवार शाम उस वक्त चर्चा में आया जब गांव के एक हिस्से में खुदाई के दौरान शिवलिंग मिलने की सूचना मिली। प्रशासनिक सतर्कता बरतते हुए एसडीएम अनुपम मिश्रा के नेतृत्व में राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंची और रविवार सुबह राजस्व दस्तावेजों के आधार पर भूमि का माप कराया गया। शिवलिंग की खुदाई स्थल की आराजी संख्या 732 और रकबा 0.130 हेक्टेयर बताई गई है।

उपजिलाधिकारी अनुपम मिश्रा ने बताया कि सुरक्षा और आस्था दोनों का ध्यान रखते हुए शिवलिंग को पास ही स्थित एक शिव मंदिर में स्थानांतरित किया गया है, जहां श्रद्धालुओं ने सुबह से ही पूजा-अर्चना शुरू कर दी। वहीं, क्षेत्रीय विधायक रमेश जायसवाल भी गांव पहुंचे और ग्रामीणों की मांग पर पुरातत्व विभाग से कोट की ऐतिहासिकता की जांच कराने की बात कही। स्थानीय पूर्व प्रधानों जीवन बिंद और जंग बहादुर सिंह ने भी बताया कि इस क्षेत्र का नाम पहले 'धर्मपुरी' था, जो ऐतिहासिक 84 कोस परिक्रमा मार्ग में पड़ता है और प्राचीन समय में यह भूमि हिंदू समाज की धार्मिक संपत्ति थी, जिसे बाद में मुगलकाल में अधिग्रहित कर लिया गया था।

गांव में जब धार्मिक उत्साह और ऐतिहासिक चर्चा चरम पर थी, तभी सकलैन नामक युवक ने सभी को चौंकाते हुए और भावुक कर देने वाला कदम उठाया। उन्होंने न केवल इस धार्मिक भावनाओं का सम्मान किया, बल्कि सौहार्दपूर्ण वातावरण को कायम रखने के लिए अपने हिस्से से एक बिस्वा जमीन मंदिर के नाम पर दान करने की घोषणा की। यह घोषणा उन्होंने उपजिलाधिकारी, क्षेत्राधिकारी कृष्ण कुमार शर्मा, थानाध्यक्ष बिनोद कुमार मिश्र तथा अन्य अधिकारियों और ग्रामीणों की उपस्थिति में सार्वजनिक रूप से की। सकलैन का यह कदम न केवल गांव में, बल्कि पूरे जिले में साम्प्रदायिक सद्भाव की मिसाल बन गया है।

इस घटना के बाद गांव में भारी संख्या में लोग शिवलिंग के दर्शन को पहुंच रहे हैं। महिलाएं, बुजुर्ग और युवा सभी मिलकर पूजा-अर्चना में हिस्सा ले रहे हैं। स्थानीय प्रशासन ने एहतियात के तौर पर गांव में पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया है ताकि श्रद्धालुओं की भीड़ में किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो।

यह घटना न सिर्फ एक धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भी दिखाती है कि जब समाज के सभी वर्ग एक साथ चलें, तो कोई भी विभाजन स्थायी नहीं होता। सकलैन जैसे नागरिकों की वजह से ही भारत की गंगा-जमुनी तहज़ीब जिंदा है और यह साबित करता है कि धर्म की असली शिक्षा मेल-जोल और भाईचारा है, न कि टकराव।

इस घटना से यह संदेश भी जाता है कि जहां आस्था है, वहां सम्मान और सहयोग की भावना होनी चाहिए। धपरी गांव का यह सौहार्दपूर्ण उदाहरण निश्चित रूप से आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा बनेगा।

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