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वाराणसी: दालमंडी चौड़ीकरण पर मुस्लिम महिलाओं का विरोध, वीडीए टीम को लौटना पड़ा

वाराणसी: दालमंडी चौड़ीकरण पर मुस्लिम महिलाओं का विरोध, वीडीए टीम को लौटना पड़ा

वाराणसी की दालमंडी में सड़क चौड़ीकरण को लेकर तनाव, वीडीए की ध्वस्तीकरण कार्रवाई का मुस्लिम महिलाओं ने विरोध किया जिससे टीम को लौटना पड़ा।

वाराणसी की दालमंडी चौड़ीकरण परियोजना के बीच मंगलवार को माहौल तनावपूर्ण हो गया जब वीडीए की ध्वस्तीकरण टीम को स्थानीय मुस्लिम महिलाओं के विरोध के कारण वापस लौटना पड़ा। दालमंडी क्षेत्र में सड़क चौड़ीकरण के लिए चिह्नित भवनों को हटाने की कार्रवाई कई दिनों से जारी है, लेकिन मंगलवार को दो स्थानों पर बड़ी प्रतिरोध की स्थिति देखने को मिली।

वीडीए की टीम सबसे पहले D 43 181 स्थित नदीम अनवर के कटरे पर पहुंची जहां 14 दुकानें संचालित होती हैं। इन दुकानों पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई तय थी लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के कारण टीम को तुरंत काम रोकना पड़ा। इसके बाद टीम दूसरे चिह्नित भवन 50 221 पर पहुंची जिसके स्वामी उस्मान हैं। यहां उनकी महिलाएं घर से बाहर आ गईं और कार्रवाई का विरोध करते हुए दरवाजे पर बैठ गईं।

विरोध का सबसे बड़ा केंद्र भिंडी चाय वाले के पास स्थित दो मंजिला इमारत रही जिसे वीडीए ने अवैध घोषित किया था। मालिक आदिल को पहले नोटिस दिया गया था कि उनका भवन बिना नक्शा पास कराए बनाया गया है और उसे खुद हटाना होगा। पंद्रह दिन की मोहलत देने के बाद भी कोई कार्रवाई न होने पर वीडीए की टीम फोर्स के साथ पहुंची। जैसे ही कार्रवाई शुरू होने की तैयारी हुई, घर की कई मुस्लिम महिलाएं हिजाब पहनकर गली में धरने पर बैठ गईं। उन्होंने ध्वस्तीकरण को अत्याचार बताया और प्रशासन से हाथ जोड़कर और मोहलत मांगकर कार्रवाई रोकने की अपील की।

लगातार बढ़ते विरोध और मौके पर उत्पन्न तनाव को देखते हुए वीडीए को ध्वस्तीकरण रोककर वापस लौटना पड़ा। इस दौरान एडीएम आलोक वर्मा, एक्सईएन केके सिंह, एसीपी दशाश्वमेध, कोतवाली पुलिस और बड़ी संख्या में महिला पुलिसकर्मी मौजूद रहीं। अधिकारियों ने कहा कि आगे की कार्रवाई पर उच्च स्तर पर फिर से विचार किया जाएगा।

दालमंडी चौड़ीकरण परियोजना के तहत कुल 187 भवनों को हटाया जाना है। इन भवनों के मालिकों को लगभग 191 करोड़ रुपये का मुआवजा देने की प्रक्रिया जारी है। अभी तक केवल 14 दुकानदारों ने मुआवजा लेकर अपने भवनों को हटाने की अनुमति दी है। अब तक केवल दो भवनों का ध्वस्तीकरण पूरा हो सका है।

दालमंडी क्षेत्र ऐतिहासिक पहचान वाला इलाका रहा है जिसे कभी अंग्रेज डॉलमंडी कहकर बुलाते थे। यह बॉलीवुड अभिनेत्री नरगिस की मां और अभिनेता संजय दत्त की नानी जद्दनबाई का भी क्षेत्र रहा है। बनारस घराने के तबला वादक लच्छू महाराज का भी यहां से गहरा संबंध रहा है। ऐसे में यहां का पुनर्विकास प्रशासन की प्राथमिकता में है।

सरकार दालमंडी को मॉडल रोड के रूप में विकसित करना चाहती है। इस सड़क के दोनों ओर 3.2 मीटर चौड़ा फुटपाथ और हरियाली की व्यवस्था होगी। प्रधानमंत्री ने अगस्त में इस परियोजना का शिलान्यास किया था और राज्य सरकार 215.88 करोड़ रुपये की लागत से सड़क को शहर की सबसे सुंदर सड़कों में से एक बनाने की योजना पर काम कर रही है। लेकिन स्थानीय निवासियों का कहना है कि 31 मार्च को आदेश जारी होने के बाद किसी अधिकारी ने व्यापारियों या क्षेत्रवासियों से बातचीत नहीं की, जिसके कारण असंतोष बढ़ता जा रहा है।

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